Kedarnath Cloudburst : केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना ने एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर को लगाया है। केदारघाटी में फंसे 5000 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। शुक्रवार सुबह से ही रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। बुधवार रात बादल फटने के बाद आई आपदा के खौफनाक मंजर को देखकर लोग दहशत में हैं।
प्रदेश में आई आपदा से निपटने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं। केंद्र सरकार से भी हमें प्रदेश में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरा सहयोग मिल रहा है, अभी तक 5000 से भी अधिक लोगों का सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जा चुका है। जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का… pic.twitter.com/dhJo7YuFIx
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 2, 2024
बतादें कि बुधवार रात को दो जगह बादल फटने से केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण हजारों यात्री फंस गए हैं। अलग-अलग जगहों पर फंसे यात्रियों का हेलिकॉप्टर एवं रेस्क्यू टीमों (एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबन्धन, जिला पुलिस) के सहयोग से रेस्क्यू किया जा रहा है। केदारघाटी में उपजे इन हालात के कारण नेटवर्क की समस्या रहने व यात्रा पर आए लोगों के परिजनों का आपस में संपर्क न होने के कारण पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने यात्रियों व आम-जनमानस की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस के कंट्रोल रूम के नम्बर 7579257572 व पुलिस कार्यालय में लैंडलाइन नंबर 01364-233387 को हेल्पलाइन नंबर के तौर पर शुरू किया गया है।

शुक्रवार सुबह एक्स पर एक पोस्ट कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का अभार जताया। यहां सीएम ने बताया कि तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सेना ने एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर को लगाया है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी तीर्थ यात्री सही सलामत रेस्क्यू कर लिए जाएंगे।
रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 30 मीटर रास्ता बह गया
भारी बारिश और बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति हुई है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 30 मीटर रास्ता बह गया, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया है। साथ ही फंसे 5000 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। इनमें से चार हजार के करीब पैदल निकाला गया है जबकि बाकी यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
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बीच धारा में उछल-कूद कर रहे कांवड़िये, गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ा, रेस्क्यू किए गए 12 कांवड़िये
शुक्रवार सुबह हर की पैड़ी में एक बड़ा हादसा टल गया। दरअसल, 12 कांवड़ियों की टोली बीच धारा में उछल कूछ कर रही थी। अचानक गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। सभी कांवड़िये हक्का-बक्का रह गए। बहाव इतना तेज हो गया था कि वह निकलने की कोशिश तक नहीं कर सकते थे। सभी जोर-जोर से चिल्लाने लगे। आसपास भी शोर मचने लगा। तभी वहां पर मौजूद एसडीआएफ और बीईजी सेंटर रुड़की आर्मी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। मोटर बोट लेकर जवान कांवड़ियों के पास पहुंचे। सभी को एक-एक कर बाहर निकाल लिया।