Kedarnath Cloudburst : 31 जुलाई की रात को केदारनाथ में दो जगहों पर बादल फटने के बाद हुई तबाही ने अब तक 179 लोगों की जान ले चुका है। चारधाम यात्रा के दौरान अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 85 यात्रियों की मौत हुई है। वहीं, बदरीनाथ में 44, हेमकुंड साहिब में चार, गंगोत्री में 14 और यमुनोत्री धाम में 31 यात्रियों की मौत हुई है।
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वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। 16 स्थानों पर तो पूरी तरह बह गया है। लोक निर्माण विभाग ने सड़क की मरम्मत के लिए 230 मजदूरों को लगाया है। संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतरकर खुदाई कर रहे हैं। वहीं, रस्सों को पकड़कर पुश्ता निर्माण के लिए बुनियाद रख रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पूरे मार्ग को दुरस्त करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है। आने वाले दिनों में लोनिवि द्वारा मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
बता दें कि 31 जुलाई की देर शाम को अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिनचोली तक व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां 11 किमी के दायरे में रास्ता 16 स्थानों पर दो मीटर से 25 मीटर तक पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर पुश्ता ढहने, मिट्टी कटान व भूस्खलन से मार्ग को क्षति पहुंची है। अधिकारियों के अनुसार, अति संवेदनशील स्थानों पर आरसीसी पुश्तों का निर्माण किया जाना है। साथ ही जहां पर वॉशआउट हुआ है, वहां ऊपरी तरफ कटान के साथ ही निचली तरफ से सुरक्षा दीवार भी बनाई जानी है। सोनप्रयाग के समीप भूस्खलन जोन में भूस्खलन जोन में मरम्मत कार्य शुरू हो गया है।
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हेली सेवा शुरू, 18 यात्री पहुंचे धाम
आपदा के आठ दिन बाद बृहस्पितवार को हेली सेवा शुरू हो गई। 18 यात्री हेलीकॉप्टर से धाम पहुंचे। वहीं, 48 लोग यात्री व स्थानीय लोग हेलीकॉप्टर से वापस लौटे हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत निर्देश दिए थे। बुधवार से हेली सेवा शुरू होनी थी। लेकिन बारिश और क्षेत्र में घने कोहरे के कारण धाम के लिए हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी।