चीरवासा में भैरव मंदिर के समीप गौरीकुड केदारनाथ पैदल मार्ग का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। चट्टानी क्षेत्र होने से स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। वहीं, मार्ग के अवरुद्ध होते ही शनिवार सुबह से पैदल यात्रा रोक दी गई है। केदारनाथ में रुके यात्रियों को पैदल मार्ग से नीचे भेजा जा रहा है।
शुक्रवार मध्य रात्रि को गौरीकुंड से लगभग दो किमी आगे चीरबासा में भैरवनाथ मंदिर के समीप केदारनाथ पैदल मार्ग का 20 मीटर हिस्सा बह गया था। प्रभावित क्षेत्र में चट्टानी हिस्सा है, जिससे त्वरित रास्ता निर्माण भी संभव नहीं है। बावजूद लोक निर्माण विभाग यहां पुश्ता निर्माण के लिए प्रारंभिक कार्रवाई कर रहा है। मजदूर रस्सी के सहारे खाई में उतरकर पुस्ते की बुनियाद के लिए खोदाई कर बड़े-बड़े पत्थर रख रहे हैं।
मार्ग के अवरुद्ध होने से केदारनाथ पैदल यात्रा को भी रोक दिया गया है। सुबह से यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया गया। उधर, केदारनाथ में रुके यात्रियों को पैदल मार्ग से सोनप्रयाग भेजा जा रहा है। यात्रियों को प्रभावित क्षेत्र में सकुशल रास्ता पार कराने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 60 मीटर का अस्थायी वैकल्पिक मार्ग बनाया है।
यहां पर यात्रियों को सुरक्षा जवानों की मौजूदगी में भेजा जा रहा है। लोनिवि के ईई विनय झिक्कांण ने बताया, रास्ते का 20 मीटर हिस्सा पूरी तरह से बह चुका है। यहां से सीधे गहरी खाई है और ठीक नीचे मंदाकिनी नदी है। बताया, वैकल्पिक रास्ता इस लायक नहीं है कि उस पर दोतरफा यात्रियों को चलाया जा सके। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए यात्रा रोक दी गई है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया, केदारनाथ से भी एक समय में सीमित संख्या में यात्री नीचे भेजे जा रहे हैं।
सोनप्रयाग में चार हजार यात्री एके कारण सोनप्रयाग में यात्रियों को रोका गया है। मीडिया से बातची में सेक्टर मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने बताया, लगभग चार हजार यात्री यहां रोके गए हैं। साथ ही केदारनाथ से जो यात्री आ रहे हैं, उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की जा रही है।