election result : हरियाणा में सारे पूर्वानुमान ध्वस्त हो गए। सारे एक्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई थी। नतीजे एकदम उलट आए। पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा बहुमत के आंकड़ें को पार करती दिख रही है। दोपहर दो बजे तक के रुझानों में 48 सीटों पर भाजपा को आगे बताया जा रहा है यह आंकड़ा बहुमत का है। हरियाणा में पहली बार किसी दल ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 37 सीट ही मिलती दिख रही है।
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बहुमत हासिल किया। यहां पर कांग्रेस को छह व सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस को 41 सीटों पर जीत मिली है। जम्मू संभाग में भाजपा बाकी दलों से आगे रही। इसके साथ ही दुनिया को भारत ने दिखा दिया कि जम्मू-कश्मीर की जनता लोकतंत्र पर कितना विश्वास कर रही है। इस बार जम्मू-कश्मीर पर रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ था।
भाजपा तीसरी बार हरियाणा की सेवा के लिए तैयार है। pic.twitter.com/UZtSrsZRUt
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) October 8, 2024
हरियाणा के नजीतों पर सुबह से ही लोग आंखें जमाए बैठे थे। चुनाव के पहले भाजपा ने यहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदला था। इसके अलावा टिकट बंटवारे में भी काफी विवाद हुआ था। पार्टी के पुराने नेता बगावत पर उतर आए। राहुल गांधी ने यहां पर जमकर प्रचार किया। शुरुआत में पीछे चल रहीं पहलवान विनेश फोगाट ने भी आखिरकार जीत के साथ अपनी सियासी पारी का आगाज किया। सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस पूरे चुनाव में जाट समुदाय की रट लगाए रही। इसका नतीजा यह हुआ कि अन्य जातियां भाजपा के पक्ष में चली गईं। यहां पर कांग्रेस को सरकार में आने की पूरी उम्मीद थी। स्थितियां भी उसके अनुकूल थीं। सबसे पहले पहलवानों ने भाजपा के बृजभूषण के खिलाफ वर्षों तक आंदोलन किया गया। विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के मैदान में उतरने के बाद भाजपा लोगों को यह समझाने में कामयाब रही कि आंदोलन खिलाड़ियों का नहीं बल्कि कांग्रेस का था। इसके अलावा राज्य में नायब सिंह सैनी का चेहरा। नया चेहरा लोगों को पसंद आया। भाजपा ने इस बार कई विधायकों के टिकट काटे। इससे एंटी इनकम्बेंसी कमजोर हुई। अन्य जातियों का भाजपा के पक्ष में जाना उसे निर्णायक बढ़त लेने में मदद की। साथ ही बिना पर्ची-खर्ची के नौकरी देने का प्रचार भी जमकर किया। कुल मिलाकर भाजपा का माइक्राे मैनेजमेंट कांग्रेस की रणनीति पर भारी पड़ा।
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ है। जम्मू संभाग के अलावा भाजपा का पहले भी वहां कोई जनाधार नहीं था। बल्कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार यहां पर चुनाव हो रहे हैं। लोगों की भागीदारी ने विश्व को बड़ा संदेश दिया है। सबसे बड़ी बात यह रही कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना अपनी सीट नहीं बचा पाए। रवींद्र रैना नौशेरा में आठ हजार से अधिक वोटों से हार गए।
कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को करारा झटका लगा है। उसके खाते में महज दो सीटें आईं। जबकि, इस बार उनकी बेटी इल्तिजा ने जमकर प्रचार किया था। इल्तिजा खुद भी जीत दर्ज नहीं कर सकीं। फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को इस चुनाव में फायदा हुआ है। चुनाव नतीजों के बाद फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला सीएम की कुर्सी संभालेंगे। हालांकि, अभी तक कांग्रेस का कोई बयान इस संबंध में नहीं आया है।
कांग्रेस का आरोप, नतीजे अपडेट करने में की जा रही देरी
उधर, हरियाणा में उम्मीद के मुताबिक नतीजे न आने पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इलेक्शन कमीशन को निष्पक्षता की नसीहत दे डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग नतीजों को देरी से अपडेट कर रहा है। क्योंकि 11-12 राउंड के नतीजे आ चुके हैं लेकिन जो अपडेट किया गया है उसमें केवल 4 से 5 राउंड के नतीजों को दिखाया जा रहा है। ऐसा लोकसभा चुनाव में भी हुआ था। कहा कि हम उम्मीद करते हैं की ECI जो एक सांविधानिक संस्था है, निष्पक्ष संस्था है वो प्रशासन पर दबाव न बनाए।