Budget 2025 में इस समय चारों ओर इनकम टैक्स में छूट की ही चर्चा हो रही है। इसके अलावा भी बहुत कुछ इसमें है जिससे देवभूमि को बहुत फायदा मिलने वाला है। मसलन, अब होम स्टे बनाने के लिए मुद्रा लोन मिलेगा। इससे राज्य को बहुत फायदा होने वाला है। केंद्रीय बजट में यह घोषणा की गई है। उत्तराखंड सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए होम स्टे योजना को प्रोत्साहित कर रही है। केंद्रीय घोषणा से राज्य में हो स्टे योजना को प्रोत्साहन मिलेगा। बतादें कि उत्तराखंड में साढ़ सात से ज्यादा होम स्टे संचालित हैं। पहाड़ों में रोजगार का यह बढ़िया माध्यम बनते जा रहा है। पर्यटक इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं।
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हाल ही में पर्यटन विभाग ने होम स्टे के नियमों के बड़ा बदलाव किया था। इसके तहत होम स्टे में अधिकतम कमरों की संख्या 12 कर दी गई थी। इससे पहले अधिकतम छह कमरों का मानक था। बतादें कि प्रदेश के सुदूर इलाकों में होम स्टे को खूब पसंद किया जा रहा है। यही कारण है कि यहां पर इसका चलन बढ़ा है। लोगों को यहां पर शुद्ध खाना के साथ यहां की संस्कृति से भी नजदीकी से रूबरू होने का मौका मिल जाता है। साथ ही यह काफी किफायती भी होता है। इस सबको देखते हुए सरकार ने अब इस योजना को अधिक विस्तार देने का निश्चय किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित हों। साथ ही पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधा में भी बढ़ोतरी हो।
उत्तराखंड सरकार भी देती है वित्तीय मदद
सरकार होम स्टे को बनाने के लिए वित्तीय सहायता भी देती है। साथ ही होम स्टे संचालक को प्रशिक्षण भी देने की व्यवस्था है। इसके लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट में आनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए विभाग की ओर से शर्तें और मानक रखे गए हैं, जोकि अनिवार्य हैं।
होमस्टे पंजीकरण की शर्तें
- होमस्टे पूरी तरह से आवासीय परिसर हो और भवन स्वामी अपने परिवार सहित वहां रहता हो।
- होमस्टे में किराए पर उठाने वाले कक्षों की संख्या अधिकतम छह और न्यूनतम एक हो।
- प्रत्येक होमस्टे हवादार व प्रकाशयुक्त होने के साथ शौचालय और विद्युत से लैस हो।
- होमस्टे में अग्निशमन सुरक्षा संबंधित उपकरण हो।
- आवेदक के नाम पर होमस्टे की रजिस्ट्री हो।
- पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह हो।