Crime In Uttarakhand : ये आंकड़े चिंतानजक हैं। देवभूमि में साल 2022 व 2023 की तुलना में मर्डर-किडनैपिंग के मामलों में वृद्धि हुई है। हालांकि, अन्य गंभीर अपराधों में कमी दर्ज की गई है। दुष्कर्म, डकैती, दहेज हत्या, छिनैती में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई हैं। लेकिन, हत्या और अपहरण के मामलों में तेजी ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। यह खुलासा एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों से हुआ है। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में वर्ष 2024 में गंभीर अपराधों के विवरण की सूचना मांगी थी।
यह भी पढ़ें : वंचित वर्ग की बेटियां ड्रोन पायलट बन भर रही हैं ऊंची उड़ान
2024 में भारतीय दंड संहिता भारतीय न्याय संहिता के तहत 17,278 गंभीर अपराध दर्ज किए गए। जबकि, यह आंकड़ा 2023 में 17,776 और 2022 में 17,863 था। 2022 की तुलना में 2024 में 3% की कमी आई है। 2022 की तुलना में 2024 में बलात्कार के मामलों में 10% की कमी, डकैती में 50% की कमी दर्ज की गई है। वाहन चोरी में 27% की गिरावट आई, छिनैती की घटनाओं में 49% की गिरावट आई, और घरेलू चोरी (आपराधिक अतिचार सहित) में 19% की कमी आई।
इसके अतिरिक्त, दहेज हत्या में 60% की गिरावट आई, जबकि अन्य गंभीर अपराधों में 9% की गिरावट देखी गई। चोरी की घटनाओं की बात करें तो 2022 में 2,244 से बढ़कर 2023 में 2,473 हो गई, और 2024 में थोड़ा कम होकर 2,441 हो गई। जबकि हत्या में पांच प्रतिशत, बलवा में पांच प्रतिशत, हत्या हेतु अपहरण में 100 प्रतिशत, महिला अपहरण में 91 प्रतिशत अन्य अपहरण में 144 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
2022 में महिलाओं के अपहरण के 86 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में घटकर 77 हो गए। 2024 में इन अपराधों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई। कुल 164 मामले दर्ज किए गए। हत्या के लिए अपहरण के 2022 में पांच मामले थे 2023 में चार और 2024 में यह संख्या बढ़कर 10 हो गई। अपहरण के अन्य रूपों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 2022 में 418 मामले दर्ज किए गए 2023 में बढ़कर 526 हो गए और 2024 में बढ़कर 1,019 हो गए।
हत्या के मामलों की बात करें तो 2022 में 208 मामले थे, जो 2023 में गिरकर 189 हो गए और 2024 में 218 केस दर्ज किए गए। 2022 में 974 दंगे की घटनाएं हुई थीं। वहीं, 2023 में 833। इसके बाद 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,025 हो गया। डकैती के मामले 2022 में 34 से घटकर 2024 में सिर्फ 17 हो गए। घरेलू चोरी (आपराधिक अतिचार सहित) 600 से घटकर 489 हो गई। और वाहन चोरी 521 से घटकर 434 हो गई। फिरौती के लिए अपहरण के मामले 4 से घटकर 3 हो गए, जबकि दहेज हत्या के मामले 62 से घटकर सिर्फ 25 रह गए। 2022 में दुष्कर्म के 918 केस दर्ज किए गए थे। 2024 में 822 केस दर्ज किए गए। अन्य गंभीर अपराधों की बात करें तो 2022 में 11,446 मामले दर्ज किए गए थे। 2024 में यह संख्या घटकर 10,370 हो गई।