ऊधमसिंह नगर में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगे प्रतिबंध को इस साल के लिए हटा लिया गया है। बतादें कि भूजल स्तर नीचे चले जाने के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया था। अपने गृहक्षेत्र खटीमा में पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कृषि विज्ञान के क्षेत्र में शोध हो रहे हैं, जिसमें नई-नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है। शोध में ये पाया गया था कि ऊधम सिंह नगर जिले में नीचे जाते भूजल स्तर का एक प्रमुख कारण ग्रीष्मकालीन धान की खेती है। इसीलिए प्रशासन ने ऊधम सिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगा दी थी, जिस कारण किसान काफी परेशान थे।
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सीएम धामी ने बताया कि कई किसान और किसानों के प्रतिनिधिमंडल उनसे मिले थे, जिन्होंने कहा कि अगले साल से वो इस समस्या का समाधान निकाल लेगे। यदि इस साल ग्रीष्मकालीन धान पर रोक रहेगी तो कई खेत बिना फसल के रह जाएंगे। इसलिए सरकार ने इस साल ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने की अनुमति देने का फैसला किया है।
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#WATCH | Khatima: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, “Researches are taking place in the sector of agriscience. In Udham Singh Nagar district water table is going down, summer paddy is one of the primary reasons for the same. In wake of this, administration had placed a ban… pic.twitter.com/7DWB8K9O9s
— ANI (@ANI) February 25, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैसे भविष्य में किसानों को वैकल्पिक खेती की ओर रुख करना चाहिए। प्रशासन के सहयोग से उन्हें इस साल अनुमति दी जाएगी, ताकि खेत बिना फसल के न रहें, लेकिन भविष्य में पर्यावरण को संरक्षित करना है और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पारिस्थितिकी का भी ध्यान रखना है। इन दोनों के बीच संतुलन बनाना होगा। इस साल इसमें छूट दी जाएगी।
इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक समाचार एजेंसी के माध्यम से दी। इस प्रतिबंध का किसान संगठनों ने लगातार विरोध किया था। किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जबकि गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल इस पाबंदी को फिर से लागू किया जा सकता है।
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