जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में 117वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्षनी का आयोजन आज यानी सात मार्च से 10 मार्च 2025 तक होगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन दोपहर दो बजे राज्यपाल करेंगे। इस मौके पर महाराष्ट्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री,भगत सिंह कोश्यारी, मंत्री गणेश जोशी,केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा व सांसद अजय भट्ट मौजूद रहेंगे। जीबी पंत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि समस्त कार्यक्रम दीक्षांत पंडाल में किया जाएगा। मेले का उद्देश्य कृषि विविधीकरण के साथ वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीकी जानकारी को और अधिक बढ़ाया जाना है। जिससे किसान तकनीकों को अपनी खेती में अपनाकर आय में वृद्धि कर सके। इस मेले में विश्वविद्यालय की ओर से विकसित खरीफ की विभिन्न फसलों एवं सब्जियों आदि की बीज प्रदर्शनी लगेगी।
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कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विश्वविद्यालय को अतिरिक्त फंडिंग दी जाएगी। जिससे शोध और अकादमिक गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इस चार दिवसीय किसान मेले के दौरान किसान गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा ग्रीष्मकालीन धान (समर राइस) के विकल्प पर चर्चा होगी। इसके अलावा, किसानों को उन्नत धान, बागवानी एवं सब्जियों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि अनुसंधान से जुड़े नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही डेयरी फार्म पर बद्री गाय के विषय में और पोल्ट्री फार्म पर मुर्गी पालन विषय में जानकारी दी जाएगी।
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कुलपति ने बताया कि 2030 तक मोटे अनाज (मिलेट्स) की कीमतें धान और गेहूं से अधिक हो सकती हैं, जिससे इनके उत्पादन को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। उन्होंने कोदा, झिंगोरा और मंडुआ जैसी पारंपरिक फसलों की बढ़ती महत्ता और उनकी संभावित उच्च बाजार कीमतों पर प्रकाश डाला। किसान मेला फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और मत्स्य पालन, मुर्गी पालन एवं फल उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित रहेगा। यह चार-दिवसीय आयोजन 1000 से अधिक किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखता है, जहां उन्हें नवीनतम तकनीकों और बाजार के नए अवसरों की जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर सहायक निदेशक संचार डॉ. अर्पिता शर्मा कांडपाल, निदेषक प्रसार शिक्षा, डॉ. जितेन्द्र क्वात्रा आदि मौजूद रहे।