जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 117वें Kisan Mela का कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने अवलोकन किया। कुलपति ने सहकारी खेती द्वारा सतत कृषि विकास पर कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए नवाचारों के विभिन्न प्रकार के मॉडल, प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा सौर उर्जा से चलने वाले किसानोपयोगी सयंत्रों, हाईड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा बिना खेत में लगाए फसलों की खेती आदि का प्रदर्शन, पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय द्वारा उत्तराखंड की पहली कुक्कुट नस्ल उत्तरा फाउल, कडकनाथ, आरआईआर एवं ऑस्ट्रोलार्प और जापानी बटेर के साथ पशुओं में लगने वाली विभिन्न बीमारियों आदि का प्रदर्शन, मत्स्य महाविद्यालय द्वारा मछली उत्पादन, शीत जल मत्स्य उत्पादन पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के मॉडल का प्रस्तुतिकरण, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के पत्थरों पर चित्रकारी, एपलीक के माध्यम से घरेलू साज-सज्जा हेतु विभिन्न प्रकार के उत्पाद के नमूनों का प्रदर्शन तथा विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा कृषि नवाचार में विज्ञान का महत्व एवं योगदान पर विभिन्न प्रकार के मॉडलों को देखा। उन्होंने युवाओं द्वारा बनाए गए मॉडल को सराहा।

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इस दौरान विश्वविद्यालय पुस्तकालय की ओर से विवि की पुरातन गतिविधियों एवं विवि के इतिहास से संबंधित छायाचित्रों का संकलन प्रभारी पुस्तकालय एवं उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया। मेले में समस्त फसलों संबंधी समस्याओं एवं उनका निवारण हेतु हालोमंडी ऐप किसानों के लिए मुख्य आर्कषण का केंद्र रहा। कुलपति ने नौ कृषि विज्ञान केंद्रों के संयुक्त स्टाल एवं एफपीओ, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित श्रीअन्न (मोटे अनाज), अन्य सकल घरेलू उत्पाद एवं विभिन्न प्रकार की सब्जियों का अवलोकन किया। उन्होंने मोटे अनाज से बने व्यंजनों का सेवन किया तथा ग्रामीण महिलाओं द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उत्पाद में बढ़ोतरी करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। उनके साथ उनकी पत्नी बीना चौहान, अधिष्ठाता कृषि डॉ. सुभाष चन्द्रा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एएस जीना, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. जितेन्द्र क्वात्रा, निदेशक संचार डॉ. जेपी जायसवाल, निदेशक जैव प्रौद्योगोकी डॉ. संजय चौधरी एवं सहायक निदेशक संचार डॉ. अर्पिता कांडपाल रहे।