हरिद्वार कुंभ-2027 : प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता-भव्यता की चर्चाएं अभी तक हो रही हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रबंधन की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। देश-विदेश की बड़ी संस्थाएं महाकुंभ पर अध्ययन कर रही हैं। खास बात यह है कि महाकुंभ ने प्रयागराज शहर की तस्वीर बदल दी। वहां पर दर्जनों नए फ्लाईओवर बने। कई सड़कें चौड़ी हो गईं। महाकुंभ तो संपन्न हो गया। मगर, इन सुविधाओं का लाभ वहां की जनता को मिल रहा है। उत्तराखंड के लोग भी चाहते हैं कि तैयारियां इस तरीके से कीं जाएं कि आने वाले वर्षों में हरिद्वार की जनता को कुंभ में किए गए कार्यों का लाभ मिलें। यानी, अधिकतर काम स्थायी किए जाएं।
बतादें कि महाकुंभ का प्रभाव इतना व्यापक था कि उसका असर देश की जीएसटी कलेक्शन में देखने को मिल रहा है। प्रयागराज के साथ ही वाराणसी, अयोध्या और विंध्याचल में भी महाकुंभ के दौरान रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इसका फायदा उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी दिख रहा है। योगी सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश की जीडीपी में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ-2027 में है। वैसे तो प्रयागराज महाकुंभ और हरिद्वार कुंभ में कोई तुलना नहीं है। लेकिन, फिर भी लोग कई चीजों को लेकर तुलना करेंगे। यह बात उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बखूबी जानते हैं। वह महाकुंभ में गए थे। साधु-संतों और आम श्रद्धालुओं को उन्होंने हरिद्वार कुंभ 2027 के लिए आमंत्रित भी किया था। कहा था कि हरिद्वार कुंभ भी अब तक का सबसे भव्य कुंभ होगा। इसी के तहत राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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इसी क्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने हरिद्वार कुंभ-2027 को लेकर मेला अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह से मायापुर स्थित कैंप कार्यालय में विचार विमर्श किया। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी एवं जनपदीय अधिकारियों को आगामी कुंभ की तैयारियों के संबंध में जरूरी निर्देश दिए। कहा कि शासन स्तर पर भी आगामी सात-आठ दिन में बैठक की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि इन बैठकों में कुंभ-2027 में सरकार द्वारा सुचारु व्यवस्था की जाएगी, साधु संतों और महात्माओं को साथ में लेकर और उनके मार्गदर्शन व विचार विमर्श कर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ को लेकर हमारी योजनाएं गतिशील हैं। जो भी योजनाएं बनेंगी वह हरिद्वार शहर कुंभ नगरी के हित में होगी।
मुख्य सचिव ने चार धाम यात्रा को लेकर अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा व्यवस्थाएं सुचारु करने की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिला प्रशासन के स्तर और शासन स्तर पर भी जहां-जहां जो आवश्यकताएं हैं, वह पूरी की जा रही है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। सभी हितधारकों के साथ भी विचार विमर्श शुरू हो चुका है और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जा रहा है। चारो धामों के यात्रा मार्ग पर जो आवश्यकता होगी उसे पूरी करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के आरंभ में अधिक से अधिक दर्शनार्थी पहुंचते हैं, अतः हम सभी राज्यों के प्रमुख व्यक्तियों और अति विशिष्ट व्यक्तियों से अनुरोध करते हैं कि इस दौरान यात्रा न करें, लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी, जिससे चार घाम यात्रा सकुशल सम्पन्न हो सके। मुख्य सचिव ने कहा कि 2027 में होने वाले कुंभ को लेकर सभी योजनाओं की रूपरेखा बनाई जा रही है और समस्त योजनाएं हरिद्वार के हित में होंगी। सीएस पूर्व में हरिद्वार जनपद के जिलाधिकारी / उपाध्यक्ष HRDA और वर्ष 2010 में हुए कुंभ के मेलाधिकारी भी रहे हैं। हरिद्वार में पत्रकारों से अनौपचारिक संवाद के दौरान सीएस ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर शासन स्तर से कई अधिकारी फील्ड में गए हुए हैं और ग्राउंड जीरो पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो।
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