अगस्त माह Uttarakhand को कई जख्म दे गया। सामान्य से अधिक बारिश ने कई लोगों का जीवन छीन लिया। भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने अरबों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। अगस्त महीना बीत चुका है लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर में भी भारी बारिश होंगे। बादल फटने की संभावना भी जताई गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि सितंबर, 2025 में मासिक औसत वर्षा, दीर्घावधि औसत 167.9 मिलीमीटर के 109 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेताते हुए कहा कि कई नदियां उत्तराखंड से निकलती हैं। इसलिए भारी वर्षा का मतलब है कि कई नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा। हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महानदी के अपर कैचमेंट एरिया में भी भारी वर्षा होने की संभावना है।
उत्तराखंड मानसून मीटर
जिला बारिश हुई कितनी होनी चाहिए
- अल्मोड़ा 697.0 591.3
बागेश्वर 1865.9 591.3
चमोली 990.0 543.9
चंपावत 704 951.2
देहरादून 1296 1071
पौड़ी गढ़वाल 702 908.5
टिहरी गढ़वाल 1062.5 690.5
हरिद्वार 1109 710.6
नैनीताल 975.5 1144.7
पिथौरागढ़ 987.4 1108.6
रुद्रप्रयाग 1046.7 1159.1
उधमसिंह नगर 974.3 815.5
उत्तरकाशी 881.8 871.3 - अब तक प्रदेश में कुल 976.3एमएम बारिश हुई हैं। होनी चाहिए थी 859.3। कुल मिलाकर 14 फीसदी अधिक बारिश हुई है। स्रोत : मौसम विज्ञान केंद्र
सामान्य से कम रहेगा तापमान
मौसम विभाग ने कहा कि सितंबर के दौरान मध्य-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में मासिक अधिकतम औसत तापमान सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है। हालांकि, मध्य-पूर्व, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्र के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान से मानसून वापसी की सामान्य तिथि एक सितंबर से बदलकर 17 सितंबर हो गई है, जो इस बात का संकेत है कि सितंबर में वर्षा बढ़ गई है। आंकड़ों के अनुसार, देश में एक जून से 31 अगस्त के बीच 743.1 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो 700.7 मिलीमीटर की दीर्घकालिक औसत से लगभग छह प्रतिशत अधिक है। उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त में 265 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से इस महीने की सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13वीं सबसे अधिक वर्षा है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त में 250.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से लगभग 31 प्रतिशत अधिक है। यह 2001 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद से आठवीं सबसे अधिक वर्षा है।