Uttarakhand : बागेश्वर जिला चिकित्सालय में एक बच्चे की मृत्यु के प्रकरण में हुई गंभीर लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कठोर संज्ञान लेते हुए दोषी चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। कई चिकित्साधिकारियों को इधर से उधर किया गया साथ ही इनको कठोर चेतावनी भी जारी की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने 30 जुलाई को बागेश्वर जिला अस्पताल में फौजी के बेटे की मौत मामले में जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट व विभाग की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस के बाद लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए। बागेश्वर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. तपन शर्मा को अंसवेदनशीलता, एंबुलेंस व्यवस्था न करने व प्रशासनिक अक्षमता के आरोप में पद से हटाया गया। इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के आदेश दिए गए। 108 एंबुलेंस चालक ईश्वर सिंह टोलिया व लक्ष्मण कुमार को एक माह तक ड्यूटी से बाहर किया गया। नर्सिंग अधिकारी महेश कुमार, हिमानी व कक्ष सेवक सूरज सिंह को भविष्य में लापरवाही की पुनरावृत्ति होने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके अलावा चिकित्साधिकारी डॉ. भूरेंद्र घटियाल को भविष्य में गलती दोहराने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए।
यह घटना अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग का स्पष्ट संदेश है कि हर अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
डॉ. आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव
डेढ़ साल के बच्चे की मौत का है मामला
चमोली जिले के चिडंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे की 10 जुलाई को अचानक तबीयत खराब हो गई थी। जिसके इलाज के लिए सैनिक दिनेश की पत्नी और मां बच्चे को लेकर ग्वालदम पहुंचे। वहां के अस्पताल में बच्चे को इलाज नहीं मिला। इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर बैजनाथ (बागेश्वर) अस्पताल गए। जहां से भी उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। परिजन आनन फानन में छोटे बच्चे को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे। बागेश्वर जिला अस्पताल से शाम 6 बजे बच्चे की हालत को गंभीर बताकर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस बुलाई, मगर परिजनों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई, जिसके चलते डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई।
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