Dhami Cabinet : उत्तराखंड की धामी सरकार की कैबिनेट बैठक सोमवार को हुई। इसमें आठ प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। निर्णय लिया गया कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। बतादेंकि राज्य गठन को 25 साल पूरे होने पर धामी सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसके तहत ही यह निर्णय लिया गया है। साथ ही कैबिनेट ने देहरादून के फ्रीज जोन में छोटे घर व दुकान को अनुमति देने का फैसला किया है। इसके अलावा मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण बनाने, सुपरवाइजर पदों पर कार्यकर्ताओं को प्रमोशन देने का भी फैसला किया गया। साथ ही निगमों को अपने लाभ का 15% सरकार को देना होगा। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तबादले में लाभ और राज्य स्थापना दिवस पर विशेष सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
कर्मचारियों के हित में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक बार तबादले और पदोन्नति में स्थिलीकरण का लाभ देने का फैसला भी लिया गया, जबकि राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने पर विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
#WATCH | Uttarakhand: A meeting of the State Cabinet is being held at the State Secretariat under the chairmanship of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. pic.twitter.com/CqeHoehZ87
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 13, 2025
धामी कैबिनेट के आठ प्रस्ताव
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की 5 साल संतोषजनक सेवा पूर्ण होने पर अन्य जनपद में एक बार किया जा सकेगा तबादला।
- देहरादून में रायपुर के आसपास के क्षेत्र से फ्रीज जोन में राहत, छोटे घरों और दुकान के लिए अनुमति दी जाएगी
मिनी आंगनबाड़ी को बनाया जाएगा पूर्ण आंगनबाड़ी। सुपरवाइजर पद पर प्रमोशन में 50% पद सीधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से भरे जाएंगे। - समान नागरिक संहिता के तहत विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए नेपाली भूटानी और तिब्बती नागरिकों के लिए विदेशी नागरिक पंजीकरण प्रमाण पत्र होगा स्वीकार्य।
- पदोन्नति में स्थिलीकरण प्रस्ताव को मंजूरी, कार्मिक की सेवाकाल में एक बार लाभ मिलेगा।
विधानसभा के मानसून सत्र के सत्रावसान को मंजूरी दी गई। - उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 साल पूरा होने पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
- राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा।