दिव्यांग (pwd)और बुजुर्ग मतदाताओं का एक वोट भी न छूटे, इसके लिए चुनाव आयोग ने इस बार काफी कसरत की है। अब देखना है कि आयोग की मेहनत का नतीजा धरातल पर कितना दिखता है। क्योंकि, अन्य राज्यों की अपेक्षा पहाड़ी राज्य की स्थितियां काफी कठिन है। यहां पर हर घर तक पहुंचना चुनाव कर्मचारियों के लिए काफी कठिन होगा। हालांकि, बताया जा रहा है इस बार दिव्यांग और 85 प्लस आयु वर्ग के वोटरों में खासा उत्साह दिख रहा है। अभी आंकड़ें आए तो नहीं हैं, मगर चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण का परिणाम उत्साहजनक रहा है।
देवभूमि में करीब 80000 दिव्यांग मतदाता है। जबकि, 65000 मतदाता 85 वर्ष से ऊपर के हैं। इनमें से 9993 बुजुर्गों और 2899 दिव्यांग मतदाताओं ने घर से वोट डालने का आग्रह किया है। अब चुनाव आयोग के सामने इनके पास तक पहुंचने की चुनौती होगी।
PWD श्रेणी के करीब 17000 हजार मतदाताओं ने फार्म डी भरकर लौटा दिया है। इसके अलावा 994 मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने वोटिंग के लिए डेली और 1524 मतदाताओं ने व्हीलचेयर की मांग की है। आठ अप्रैल से पहले चरण का मतदान भी शुरू भी हो चुका है। पोलिंग पार्टियां घर-घर पहुंचने लगी हैं।
बीते सोमवार को अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया था कि PWD मतदाताओं के लिए राज्य में व्यवस्थााएं सुनिश्चित की जा रही है। 85 प्लस आयु के राज्य में 65 हजार 160 मतदाता हैं। वहीं, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 80 हजार 300 है। उनमें से पांच हजार 576 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से वोटिंग के लिए आवेदन किया है। जोगदंडे ने बताया कि 85+ आयु के सभी वोटरों को 12 डी फार्म उपलब्ध कराए गए थे। इनमें से दस हजार 390 आवेदन प्राप्त हुए।
अपर मुख्य निवार्चन अधिकारी के मुताबिक सभी जिलों की टीमें चिह्नित घरों जाकर divyang voter से संपर्क करेंगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में किन्हीं कारणों से जो मतदाता पोस्टल बैलेट से मतदान प्रक्रिया में शामिल होन से चूक गए हैं। उनको दूसरे चरण में मौका दिया जाएगा। दूसरा चरण दस अप्रैल से शुरू होगा। इसका जिला स्तर पर कार्यक्रम तय किया जा चुका है। इसकी सूचना मतदाताओं को अखबारों एवं अन्य माध्यमों से दी जाएगी।
बूथ पर मौजूद रहेंगे ब्रेल लिपि के जानकार
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक राज्य में 11,729 मतदेय स्थलों में व्यवस्था की गई है। मतदेय स्थलों में रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड की व्यवस्था 97 से 98 प्रतिशत मतदेय स्थलों पर उपलब्ध हैं। कुछ मतदेय स्थलों पर न्यूनतम सुविधाओं के अंतर्गत रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड आदि की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। सभी दिव्यांग श्रेणी के चिह्नित मतदाताओं और 85 प्लस वर्ष के मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने सक्षम एप की व्यवस्था की है। जोगदंडे ने बताया कि नेत्र दिव्यांग वोटरों की सहायता के लिए ब्रेल लिपि की जानकारी रखने वाले बूथ पर मौजूद रहेंगे।