सिंदूर ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट किसी न किसी रूप में सामने आ रही है। इसे ही कहते हैं, खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। उसके जनरल असीम मुनीर की अमेरिका में परमाणु हमले की धमकी हो या वहां के नेताओं की अनर्गल बयानबाजी सुर्खियां बन रही हैं। अब ताजा खबर यह है कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थिति भारतीय दूतावास में काम करने वाले डिप्लोमैटट्स के घर पर सिलिंडर की सप्लाई रोक दी है। साथ ही मिनरल वाटर भी नहीं पहुंचा रहा है। न्यूज पेपर बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खानी के बाद वह भारतीय कर्मचारियों को परेशान कर रहा है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक यह कदम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की योजना का हिस्सा है। इसके तहत पाकिस्तान बदले की छोटी-छोटी कार्रवाइयां कर रहा है। जवाबी कदम के तौर पर भारत ने भी दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों को अखबार पहुंचाना बंद कर दिया है। 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में भारत की एयर स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय डिप्लोमैट्स को इसी तरह परेशान किया था। उस समय, भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया, उप उच्चायुक्त जे.पी. सिंह, और नौसेना सलाहकार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ा था। इन घटनाओं में लगातार पीछा करना, सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ करना और फर्जी फोन कॉल करना जैसी हरकतें शामिल थीं। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को परेशान करने की 19 घटनाएं हुईं। राजनयिकों के उत्पीड़न में इस बढ़ोतरी के बाद भारतीय उच्चायोग ने यह मुद्दा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सामने उठाया था।

गौर करने वाली बात यह है कि 2018 में भी दोनों देशों में ऐसे मामले हुए थे, जिसके बाद दोनों ने 1961 के ‘वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस’ का पालन करने का वादा किया था। गौर करने वाली बात यह है कि 2018 में भी दोनों देशों में ऐसे मामले हुए थे, जिसके बाद दोनों ने 1961 के ‘वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस’ का पालन करने का वादा किया था।
पाकिस्तान के गैस, पानी और अखबार रोकने का फैसला वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस (1961) का उल्लंघन है। कन्वेंशन के आर्टिकल 25 के मुताबिक मेजबान देश को डिप्लोमैटिक मिशन के सुचारू काम के लिए सभी सुविधाएं देनी होती हैं। पाकिस्तान ने जानबूझकर ये बुनियादी सप्लाई रोककर मिशन के काम और राजनयिकों की रोजमर्रा की जिंदगी में रुकावट डाली। कन्वेंशन का मकसद है कि डिप्लोमैट बिना भय और हस्तक्षेप के काम कर सकें। पाकिस्तान की ये हरकतें सीधे तौर पर दबाव का माहौल बनाने की कोशिश हैं।
अप्रैल में भारतीय हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुए थे
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया था। फैसले के विरोध में इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन के बाहर स्थानीय लोगों की भीड़ ने हंगामा किया था। इस दौरान कुछ लोगों ने गेट फांदकर अंदर जाने की कोशिश भी की और भारत विरोधी नारे भी लगाए। पाकिस्तान पर आरोप लगा था कि उसने जानबूझकर भारतीय हाई कमीशन के बाहर से सुरक्षा हटा ली थी।
भारत ने 7 मई को रात डेढ़ बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। सेना ने कहा था कि इस स्ट्राइक में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, भारत ने कोटली, बहावलपुर, मुरीदके, बाग और मुजफ्फराबाद में अटैक किया थे। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वॉर्टर और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ठिकाना भी शामिल था।
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