Close Menu
तीरंदाज़तीरंदाज़
    https://www.teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/08/Vertical_V1_MDDA-Housing.mp4
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest Dribbble Tumblr LinkedIn WhatsApp Reddit Telegram Snapchat RSS
    अराउंड उत्तराखंड
    • Uttarakhand : च्यूरे से महिलाओं की जिंदगी में आया उजाला
    • Dhami Cabinet : राज्य स्थापना दिवस पर विशेष सत्र, देहरादून के फ्रीज जोन में छोटे घरों को अनुमति
    • JOB : खत्म हुआ इंतजार, सहायक अध्यापकों को 14 को मिलेंगे नियुक्ति पत्र
    • जंगल सफारी के लिए हो जाएं तैयार, 15 से खुलेगा बिजरानी गेट
    • भर्ती परीक्षा में Zero Tolerance नीति अपनाई जाएगी : सीएम धामी
    • किसान मेला : वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर किसान भाई खेती को और लाभकारी बनाएंगे : सीएम धामी
    • Uttarakhand : ग्रेजुएट लेवल भर्ती पेपर लीक मामले में एकल सदस्यीय आयोग ने सौंपी रिपोर्ट
    • बेजोड़ इकोनॉमी की राह पर Uttarakhand
    • किसान मेला : भारत की सभ्यता और संस्कृति कृषि के चारों ओर ही हुई विकसित : राज्यपाल
    • Uttarakhand : नगर निकायों की 18 सेवाएं होंगी डिजिटल, जानिए क्या होगा फायदा
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp Telegram LinkedIn
    Monday, October 13
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    Home»उत्तराखंड 360»Almora Bus Accident : हमारी किस्मत में सिर्फ हादसे हैं.. 36 मौतों के बाद गड्ढे भरवाने पहुंचे अधिकारी
    उत्तराखंड 360

    Almora Bus Accident : हमारी किस्मत में सिर्फ हादसे हैं.. 36 मौतों के बाद गड्ढे भरवाने पहुंचे अधिकारी

    36 लोगों की लाशें, दर्जनों कराहते लोगों को देखने वालों की आंखों से नींद गायब है। बाहर से कोई आ रहा है या जा रहा है मन में अनहोनी की आशंका उन्हें घेर ले रही है।
    teerandajBy teerandajNovember 6, 2024No Comments
    Share now Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    Share now
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn

    Almora Bus Accident :  क्या 36 लोगों के मरने का इंतजार कर रहे थे? हादसे के बाद अब आए हैं, गड्ढे भरने। सड़क किनारे झाड़ियां काटने। यह काम पहले क्यों नहीं किया? यह सवाल मरचूला के स्थानीय लोगों के हैं…सामने विभाग के अधिकारी-कर्मचारी थे। वह सोमवार को हुए हादसे के बाद सड़क किनारे हुए गड्ढे में मिट्टी डालने आए थे। मजदूर सड़क किनारे उगी झाड़ियों को काट रहे थे। यह वाकया मरचूला का है, जहां हुए हादसे में 36 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कितने बच्चों ने अपने माता-पिता, सुहागिनों ने अपने सुहाग, किसी ने अपना बच्चा खो दिया।

    यह भी पढ़ें : मरचूला Bus Accident …मैं लौटा हूं अपने साथ कई सारे ‘काश’ लेकर

    स्थानीय लोगों का आक्रोश चरम पर है। हो भी क्यों न ! किसी भी इंसान को झकझोर देने वाला दृश्य था। 36 लोगों की लाशें, दर्जनों कराहते लोगों को देखने वाले इन लोगों की आंखों से नींद गायब है। बाहर से कोई आ रहा है या जा रहा है मन में अनहोनी की आशंका उन्हें घेर ले रही है। मंगलवार सुबह घटना स्थल पर काम होते देख स्थानीय लोग जमा हो गए। उन्हें गुस्सा इस बात पर भी था कि यहां का जेई भंडारी नहीं आया था।

    36 लोगों की जान चले जाने के बाद आई रोड सेफ्टी की याद। आज मरचूला में घटनास्थल पर गड्ढे भरवाने पहुंचे अधिकारी। मरचूला से सारण बैंड तक ही बवाल टाल के चले गए। ये है ‘गड्ढा मुक्त’ उत्तराखंड की हकीकत। गजब करते हो ‘सरकार’ ! #AlmoraBusAccident pic.twitter.com/VVwUeKnnk3

    — Arjun Rawat (@teerandajarjun) November 5, 2024

    स्थानीय लोगों ने जब यहां पर काम रहे एक अधिकारी से पूछा, यहां क्यों आए हैं? तो जवाब आया कि आपके लिए आए हैं… लोगों ने कहा- इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद ही यह गड्ढे-झाड़ियां क्यों दिखीं। यह काम तो पहले भी कराया जा सकता था। तो सामने से जवाब आया कि रोड सेफ्टी के लिए आए हैं। आक्रोशित लोगों ने जब कहा कि क्या आप हादसे का इंतजार कर रहे थे, लोग मर जाए तब हम काम करने चलें। इस पर वहां मौजूद अधिकारी हकबकाने लगा। लोगों ने कहा कि यहां से 100 मीटर आगे चलिए, हम आपको दिखाते हैं कि एक पुस्ता (पहाड़ पर सड़कों के किनारे बनी दीवार) की हालत इतनी जर्जर है कि यहां पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है। लेकिन, आप लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्या तीन साल से विभाग के पास बजट भी नहीं आया है। आप लोग एक और हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

    यह भी पढ़ें : हे ईश्वर…ये मेरे किस गुनाह की सजा है

    मरचूला हादसे ने कई सवालों को फिर सामने लाकर खड़ा कर दिया है। साल दर साल कोई न कोई बड़ा हादसा लोगों को आजीवन बना रहने वाला दर्द दे रहा है। इसके बावजूद सड़क सुरक्षा कभी मुद्दा नहीं बना। चाहे जिस पार्टी की सरकार रही हो। इसपर कभी गंभीरता से काम नहीं किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 100 दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या, राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी अधिक है। यहां पर हर आठ घंटे में एक की मौत सड़क हादसों में हो रही है। उत्तराखंड परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध 2018 से 2022 की अवधि के लिए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में दुर्घटना की गंभीरता की दर 2018 में 71.3 के उच्चतम स्तर से 2021 में 58.36 के निम्नतम स्तर तक गई है। यह अत्यंत चिंताजनक है कि हमारी दुर्घटना की गंभीरता की दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। इसके बाद भी इस मुद्दे पर ध्यान न देने को संवेदनहीनता ही कहा जा सकता है। चूंकि, जान गंवाने वाले आम लोग होते हैं। नीति-नियंता तो हेलिकॉप्टरों से सफर करते हैं। इसलिए उन्हें कोई खतरा तो है नहीं। यह लोग ये भी जानते हैं कि ये पब्लिक है…जो कुछ दिनों बाद सब भूल जाती है। चुनाव समय नया मुद्दा थमा देंगे।

    धुमाकोट हादसे से भी नहीं लिया सबक

    एक जुलाई, 2018 के धुमाकोट बस हादसे से सबक लिया होता तो सोमवार को मरचूला हादसे से बचा जा सकता था। धुमाकोट क्षेत्र में बमेणीसैंण से भौन पीपली मार्ग पर धुमाकोट आ रही जीएमओयू की बस गहरी खाई में जा गिरी थी। तब हादसे में 48 लोगों की मौके पर ही जान चली गई। इस हादसे की वजह तब ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार बताई गई थी। इस हादसे के बाद भी धुमाकोट के सुदूरवर्ती क्षेत्र में चलने वाली परिवहन कंपनियों और सरकारी एजेंसियों ने कोई सबक नहीं लिया।

    त्योहार व शादी बरात के सीजन में ज्यादातर हादसे

    इसके बाद 4 अक्तूबर, 2022 को नैनीडांडा से सटे बीरोंखाल क्षेत्र के सिमड़ी में एक बारात की बस खाई में जा गिरी थी, जिसमें 34 लोगों की जान गई और 19 लोग घायल हुए थे। इस हादसे की वजह भी ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार बताई गई। ये इस क्षेत्र के बडे़ हादसे हैं, जिनके कुछ दिनों तक सड़क पर खूब सख्ती दिखी। हर चेकपोस्ट पर चैकिंग चली, लेकिन बाद में जस के तस हालात हो गए। ग्रामीण अंचलों में होने वाले ज्यादातर हादसे त्योहार व शादी बरात के सीजन में ही होते हैं। सोमवार को हुए मर्चूला हादसे के पीछे एक बड़ा कारण ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित परिवहन सुविधाओं का अभाव भी है।

    त्योहारी सीजन के कारण बस खचाखच भरकर चली

    पौड़ी जिले के नैनीडांडा विकासखंड व धुमाकोट तहसील के ज्यादातर लोग रामनगर व कुमांऊ मंडल में निवास करते हैं। जो दीवाली, होली और शादी बरात के सीजन में घर गांव आते जाते हैं। ऐसा ही सोमवार को किनाथ से रामनगर की बस में हुआ। दरअसल, इन दिनों त्योहारी सीजन के कारण बस खचाखच भरकर चली।

    रामनगर से किनाथ के लिए एकमात्र बस सेवा

    रामनगर से किनाथ के लिए यह एकमात्र बस सेवा है, जो सुबह छह बजे किनाथ से चलकर दस बजे रामनगर पहुंचती है। यही बस शाम को तीन बजे रामनगर से चलकर शाम को करीब साढे़ छह बजे किनाथ गांव पहुंचती है। सुबह की यह बस निकल जाए तो फिर अगले दिन सुबह ही रामनगर के लिए बस मिलती है। यही कारण है कि बस में सवारियां ठस जाती हैं और हादसे का कारण बनती हैं। व्यवस्था बनाना सरकार काम है, उसे ही इस समस्या का निदान खोजना होगा।

     

    Almora Bus Accident उत्तराखंड 360
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Pinterest Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram Follow on LinkedIn
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    teerandaj
    • Website

    Related Posts

    जंगल सफारी के लिए हो जाएं तैयार, 15 से खुलेगा बिजरानी गेट

    October 13, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj3 Mins Read217
    Read More

    भर्ती परीक्षा में Zero Tolerance नीति अपनाई जाएगी : सीएम धामी

    October 13, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj2 Mins Read219
    Read More

    किसान मेला : वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर किसान भाई खेती को और लाभकारी बनाएंगे : सीएम धामी

    October 13, 2025 उत्तराखंड 360 By teerandaj3 Mins Read221
    Read More
    Leave A Reply Cancel Reply

    https://www.teerandaj.com/wp-content/uploads/2025/08/Vertical_V1_MDDA-Housing.mp4
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Top Posts

    Uttarakhand : आपदा में भी मुस्कुराई जिंदगी, पहाड़ों को लांघकर पहुंची मेडिकल टीम, घर में कराई डिलीवरी

    August 31, 202531K

    CM Dhami ने दून अस्पताल में निरीक्षण कर मरीजों से लिया फीडबैक, वेटिंग गैलरियों में पंखे लगाने, सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश

    September 13, 202531K

    ऋषिकेश में अवैध निर्माणों पर MDDA की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 11 बहुमंजिला स्ट्रक्चर सील 

    August 30, 202531K

    Chardham Yatra-2025: चलो बुलावा आया है, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की यात्रा बहाल

    September 6, 202524K
    हमारे बारे में

    पहाड़ों से पहाड़ों की बात। मीडिया के परिवर्तनकारी दौर में जमीनी हकीकत को उसके वास्तविक स्वरूप में सामने रखना एक चुनौती है। लेकिन तीरंदाज.कॉम इस प्रयास के साथ सामने आया है कि हम जमीनी कहानियों को सामने लाएंगे। पहाड़ों पर रहकर पहाड़ों की बात करेंगे. पहाड़ों की चुनौतियों, समस्याओं को जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड में सबकुछ गलत ही हो रहा है, हम ऐसा नहीं मानते, हम वो सब भी दिखाएंगे जो एकल, सामूहिक प्रयासों से बेहतर हो रहा है। यह प्रयास उत्तराखंड की सही तस्वीर सामने रखने का है।

    एक्सक्लूसिव

    Dhami Cabinet विस्तार का काउंटडाउन शुरू? पूर्व मंत्रियों को तत्काल मंत्री आवास खाली करने को कहा गया, देखें पत्र

    August 27, 2025

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 2025

    EXCLUSIVE: Munsiyari के जिस रेडियो प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, उसमें हो रहा ‘खेल’ !

    November 14, 2024
    एडीटर स्पेशल

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    India Space Missions … अंतरिक्ष में भारत का बसेरा!

    September 14, 202511K

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 202511K
    तीरंदाज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest LinkedIn WhatsApp Telegram
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    • About Us
    • Atuly Uttaraakhand Emagazine
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    © 2025 Teerandaj All rights reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.