Budget 2024 उत्तराखंड के लिए बेहद खास रहा। अब उत्तराखंड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की घोषणा Budget 2024 में की। बतादें कि उत्तराखंड हर वर्ष दैवीय आपदाओं को झेलता है। इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होता है। अब केंद्र से सहायता मिलने के बाद राज्य सरकार को पुनर्विकास के कार्य में काफी सहूलियत होगी। बतादें कि इसकी मांग वर्षों से की जा रही थी। क्यों कि राज्य की भौगोलिक स्थित ही ऐसी है कि यहां पर दैवीय आपदाएं अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा होती हैं।
बजट में इसकी घोषणा होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार का आभार जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान के लिए स्पेशल सहायता पैकेज देने की घोषणा करने हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय वित्त मंत्री जी। उन्होंने लिखा है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के बावजूद हमारा प्रदेश अभूतपूर्व रूप से विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। इस स्पेशल पैकेज के माध्यम से प्रदेश में आपदाओं से होने वाली क्षति राज्य की विकास की गति को बाधित नहीं कर सकेगी।
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि अब मुद्रा लोन 20 लाख रुपये तक मिल सकेगा। जबकि पहले लोन सीमा 10 लाख रुपये तक थी। ऐसे में इस घोषणा से मुद्रा लोन लेने वाले लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिल सकता है। सीएम पुष्कर धामी ने इसका भी स्वागत किया है। दरअसल, उत्तराखंड में मुद्रा लोन का लाभ लेने वालों की संख्या ठीक-ठाक है। सीएम धामी ने कहा कि इसके माध्यम से देश के गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यम और अधिक सशक्त होंगे। निश्चित तौर पर इन क्षेत्रों के मजबूत होने से देश की आर्थिकी सशक्त होगी। कहा कि यह महत्वपूर्ण निर्णय विकसित भारत के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मनरेगा … कम से कम 100 दिन का रोजगार
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) योजना में हर परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को 100 दिनों का रोजगार देने की घोषणा की गई है।
इनकम टैक्स में बदलाव
न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब नई कर व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक के सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 3 से 7 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 5 फीसदी का टैक्स देना होगा। 7 से 10 लाख रुपये पर 10 फीसदी और 10 से 12 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लगेगा। इसी तरह 12 से 15 लाख रुपये के एनुअल इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। वहीं, न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75000 रुपये कर दिया है। पहले स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन 50,000 रुपये था।
क्या सस्ता क्या महंगा…एक नजर में
यह हुआ सस्ता
- सोलर सेल और सोलर पैनल के निर्माण की वस्तु पर टैक्स में छूट।
- मोबाइल फोन और पार्ट्स- पीसीबी और मोबाइल फोन चार्जर पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी घटी।
- 25 आवश्यक खनिजों पर सीमा शुल्क नहीं।
- कैंसर से जुड़ी तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई। एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर भी आयात शुल्क हटाया गया।
- प्लैटिनम पर सीमा शुल्क घटकर अब 6.4 फीसदी हुआ।
- सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर छह फीसदी किया गया। ज्वैलरी सस्ती होंगी।
यह हुआ महंगा
- एक साल से ज्यादा रखे गए शेयर महंगे होंगे। टैक्स 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5% किया गया।
- एक साल से ज्यादा तक रखे गए इक्विटी निवेश महंगे होंगे। टैक्स 15% से 20% किया गया।
- कुछ दूरसंचार उपकरणों का आयात महंगा होगा। आधारभूत कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 15% की गई। मेक इन इंडिया के तहत देश में बने सस्ते घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार का एलान।
- पीवीसी फ्लेक्स बैनर का आयात करना महंगा होगा।
- अमोनियम नाइट्रेट पर आयात शुल्क 10 फीसदी बढ़ाया गया।
- खुद से नष्ट न होने वाले प्लास्टिक महंगे होंगे। आयात शुल्क 25 फीसदी बढ़ाया गया।