खराब मौसम के कारण स्थगित की गई Chardham Yatra-2025 को शनिवार यानी आज से बहाल कर दी गई। श्रद्धालु केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम में दर्शन कर सकेंगे। इसी के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल भी सक्रिय कर दिया गया। इस साल भारी वर्षा, अचानक आई बाढ़, बार-बार हुए भूस्खलन और सड़क धंसने जैसी घटनाओं ने यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मौसम साफ होने और रास्ते दुरुस्त होने के बाद केदारनाथधाम और बदरीनाथ धाम की यात्रा बहाल करने का निर्णय लिया गया है। जबकि गंगोत्रीधाम और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए अभी कुछ इंतजार करना पड़ेगा। स्थिति सामान्य होने पर इन दोनों धामों की यात्रा भी शुरू कर दी जाएगी। Chardham Yatra-2025 में 55 दिन ऐसे रहे जब चारों धामों तक एक भी श्रद्धालु नहीं पहुंच पाया। इन्हें जीरो-तीर्थयात्री दिवस के रूप में दर्ज किया गया। इसके अलावा 89 दिन ऐसे रहे, जब चारों धामों में यात्रियों की संख्या 1 से 1,000 के बीच सिमट गई।
सबसे ज्यादा यात्रा बाधित सीजन
देहरादून स्थित सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के ताजा रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में यह सबसे ज्यादा यात्रा बाधित सीजन साबित हुआ है। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने चेतावनी दी है कि अगर जलवायु परिवर्तन से निपटने के ठोस कदम नहीं उठाए गए तो चारधाम यात्रा उत्तराखंड की पर्वतीय अर्थव्यवस्था के लिए कमजोर कड़ी बन सकती है।
एसडीसी फाउंडेशन की ओर से सरकार को सुझाव दिया गया है कि जलवायु-संवेदनशील सड़क निर्माण और बेहतर जल निकासी तंत्र विकसित किया जाए। रियल टाइम मौसम मॉनिटरिंग सिस्टम और मजबूत संचार नेटवर्क स्थापित हों। आपदा-सुरक्षित आश्रयों का निर्माण किया जाए। प्रभावित व्यवसायों, ट्रांसपोर्टरों और सेवा प्रदाताओं के लिए आर्थिक राहत पैकेज तैयार किया जाए। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि यात्रा को भविष्य में जलवायु और आपदा-सुरक्षित बनाना ही एकमात्र रास्ता है। समय आ गया है कि हम संख्या से ज्यादा मजबूती और तैयारी पर ध्यान दें।