महाकुंभ में धामी ने सोमवार को परिवार संग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर मां गंगा, यमुना और सरस्वती को नमन किया। सीएम ने इसे धार्मिक महापर्व बताते हुए कहा कि संगम में डुबकी लगाना अपने आप में बहुत बड़े धर्म का काम है। धामी ने हरिद्वार में 2027 में होने वाले कुंभ की तैयारियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है। जिससे हरिद्वार कुंभ भी प्रयागराज की तरह ऐतिहासिक और सुविधाजनक बनाया जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड सरकार महाआयोजन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगी। साथ ही आयोजन को भव्य एवं दिव्य बनाया जाएगा। स्नान के दौरान मुख्यमंत्री धामी का पारिवारिक रूप भी देखने को मिला। वह बच्चे के साथ संगम की लहरों में हंसी-ठिठोली करते दिखे।
नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रिया।सनातन धर्म की आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक महाकुंभ:2025 (प्रयागराज) में माता जी को स्नान कराने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ।#एकता_का_महाकुम्भ pic.twitter.com/I1lBmjRPqn
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 10, 2025


धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम
संगम में स्नान के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि मुझे भी यहां आस्था की डुबकी लगाने का अवसर मिला। प्रयागराज देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आकर मन को असीम शांति और ऊर्जा मिलती है।
संतों का सानिध्य और आशीर्वाद
धामी ने महाकुम्भ में पूज्य संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और कहा कि संत ही समाज की दिशा तय करते हैं। उन्होंने कहा कि हम उनके मार्गदर्शन से ही प्रेरणा लेते हैं और उनके आशीर्वाद से आगे बढ़ते हैं।
