Mussoorie का मशहूर कंपनी गार्डन का नाम बदलकर अटल उद्यान कर दिया गया। डॉ. एच फाकनर ने 1842 में इस पार्क की स्थापना की थी। इसे पहले म्युनिसिपल गार्डन कहा जाता था। इसके बाद कंपनी गार्डन नाम दिया गया। 182 साल में गार्डन को तीसरा नाम मिला है। अटल नामकरण के पीछे की वजह है कि राज्य गठन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान। पार्क में आगे चलकर पूर्व प्रधानमंत्री की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
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पहाड़ों की रानी मसूरी में आने वाले अधिकांश पर्यटक इस पार्क में जरूर जाते हैं। क्योंकि पहाड़ों से घिरा यह पार्क अद्भुत है। यहां बच्चों, वयस्कों से लेकर बुजुर्गों के लिए भी बहुत कुछ खास है। यहां का सग्रहालय विशेष है। इसे देवभूमि वैक्स संग्रहालय कहा जाता है। देश में अब तक ऐसे सिर्फ तीन संग्रहालय ही हैं। दो दो तमिलनाडु एक लोनावला (महाराष्ट्र) में है। यहां पर महात्मा गांधी, आइंस्टीन, जवाहरलाल नेहरू, मदर टेरेसा, माइकल जैक्सन, प्रिंसेस डायना और बराक ओबामा जैसी बड़ी हस्तियों की सजीव मूर्तियां पर्यटकों को लुभाती हैं।
बृहस्पतिवार को कृषि मंत्री गणेश जोशी और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने नए नाम का उद्घाटन किया। अटल उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह बड़े गौरव का पल है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया था और उनको मसूरी से विशेष लगाव भी रहा। उन्होंने कहा कि गुलामी के प्रतीक कंपनी गार्डन को अब अटल उद्यान के नाम से जाना जाएगा। कहा कि शीघ्र ही यहां अटल बिहारी वाजपेयी की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि एमपीजी कॉलेज और टाउन हॉल के नाम बदलने की कार्रवाई भी शीघ्र की जाएगी।