उत्तराखंड के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण Delhi-Dehradun Expressway इसी वर्ष जुलाई में खोला जा सकता है। एलिवेटेड रोड चालू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी महज ढाई घंटे में पूरी की जा सकती है। साथ ही 23 किमी का सफर भी कम हो जाएगा। एनएचएआई इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर है बताया जा रहा है कि अधिकारी रोजाना इसकी प्रगति रिपोर्ट ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस परियोजना पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। दावा किया जा रहा है कि इसके बन जाने के बाद लगभग 20 से 30 हजार वाहन फर्राटा भरेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के (एनएचएआई) अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली-दून एक्सप्रसेवे का निर्माण 213 किलोमीटर पर कुल 11 चरणों में हो रहा है। यह कार्य प्राधिकरण के अलग-अलग परियोजना कार्यालय देख रहे हैं। परियोजना को पूरा करने का समय नवंबर 2024 निर्धारित किया गया है। एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतिम छोर पर 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड ने आकार ले लिया है। घने जंगल के बीच स्काई राइड की भांति यह एलिवेटेड रोड पूरी परियोजना का प्रमुख आकर्षण है। 12 किलोमीटर की लंबाई में एलिवेटेड रोड के ऊपर स्लैब डाल दिए गए हैं, जबकि 11 किलोमीटर भाग पर डामरीकरण का कार्य भी पूरा किया जा चुका है।

माना जा रहा है कि जुलाई 2024 तक एलिवेटेड रोड वाहनों के लिए खोल दी जाएगी। इसके बाद दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी को महज ढाई घंटे के भीतर पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी 236 किलोमीटर है, जो परियोजना के पूर्ण होने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। यानी, दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और छह घंटे के सफर के समय में भी साढ़े तीन घंटे तक की कमी आ जाएगी।
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सहारनपुर के गणेशपुर क्षेत्र से देहरादून की सीमा तक करीब 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड इस परियोजना का खास आकर्षण है। इसको लेकर एनएचएआइ का देहरादून स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय काफी सक्रिय है। बताया जाता है कि वाहन एलिवेटेड रोड से गुजरेंगे, जबकि नीचे का भाग वन्यजीवों के विचरण के काम आएगा।
परियोजना निदेशक कार्यालय के अनुसार, एलिवेटेड रोड का काम अंतिम चरण में है। घने वन क्षेत्र के बीच एलिवेटेड रोड की सुंदरता देखते ही बन रही है। परियोजना के इस भाग की प्रगति 90 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। जिस पर डामरीकरण के साथ ही साइनेज, कैट आइआर मार्किंग के कार्य पूरे किए जा चुके हैं। शेष एक किलोमीटर भाग पर डामरीकरण की तैयारी शुरू कर दी गई है।
स्पीड पर रखी जाएगी नजर
एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से कैमरे स्पीड पर निगाह रखेंगे और तय मानक से अधिक रफ्तार पाए जाने पर आनलाइन चालान कटेगा।

- इस तरह हो रहा एक्सप्रेसवे का निर्माण
अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
अक्षरधाम-दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा
ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
ईपीई क्रासिंग-सहारनपुर बाईपास
सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
सहारनपुर बाईपास-गणेशपुर एक्सेस कंट्रोल
गणेशपुर-देहरादून (एक भाग)
गणेशपुर-देहरादून (दूसरा भाग)
गणेशपुर-देहरादून (तीसरा भाग) - खास-खास
05 रेलवे ओवर ब्रिज
110 वाहन अंडरपास
76 किमी सर्विस रोड
29 किमी की एलिवेटेड रोड
16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट
एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव गलियारा
एक्सप्रेसवे एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव गलियारा होगा। जिसके लिए 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अनुसार परियोजना 30 जून तक पूरी हो जाएगी। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली को सहारनपुर, बागपत, बड़ौत और शामली होते हुए देहरादून से जोड़ेगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे में लेन की संख्या छह है, जिसे आठ तक बढ़ाया जा सकता है।