विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस आयोजन की सफलता से धामी सरकार बेहद उत्साहित है। इस सेक्टर में रोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए धामी सरकार की नजरें अब दक्षिण भारतीय कंपनियों पर टिक गई हैं। सरकार की मंशा है कि ये कंपनियां भी उत्तराखंड में आएं। इस बाबत कंपनियों से वार्ता भी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में केरल आयुर्वेदशाला, श्रीधर्यम जैसी संस्थाओं के साथ उत्तराखंड का संवाद शुरू हुआ है। बतादें कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने आयुष नीति बनाई है।
विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस में स्वास्थ्य क्षेत्र के दिग्गजों ने इस नीति की काफी सराहना की है। धामी सरकार की योजना है कि आयुष नीति को आगे रखकर कंपनियों को उत्तराखंड में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए अफसरों को एक ठोस कार्ययोजना पेश करने को कहा है। सीएम की मंशा है कि विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस की सफलता धरातल पर दिखे। क्यों कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। राज्य की अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होने की उम्मीद है।
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विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 का बड़ा प्लेटफार्म उत्तराखंड के लिए उपयोगी साबित हुआ। राज्य सरकार ने आयोजन में शामिल सभी बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। बताया जाता है कि इन सभी कंपनियों का रुख काफी सकारात्मक है। अपर सचिव आयुष डॉ.विजय जोगदंडे के अनुसार-दक्षिण भारत के राज्यों की आयुर्वेद दवा कंपनियों को हम उत्तराखंड में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। कुछ कंपनियों के साथ हमारी बात आगे बढ़ी है। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का अवसर इस लिहाज से उपयोगी साबित हुआ है।
आयुष नीति वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य
उत्तराखंड को यह श्रेय हासिल है कि वह आयुष नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। आयुष नीति-2023 को लागू की गई है। इसमें आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने समेत तमाम पहलुओं पर आकर्षक प्रावधान किए गए है। अपर सचिव आयुष डाॅ. विजय जोगदंडे के मुताबिक-आयुष नीति लागू होने के बाद से 1200 करोड़ के निवेश धरातल पर उतरे हैं, जो कि सकारात्मक संदेश है। आयुष सचिव का कहना है कि आने वाले समय में और अधिक निवेश आने की संभावना है।
हम उत्तराखंड में आयुष को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुष नीति-2023 इस संबंध में मील का पत्थर साबित होगी। उत्तराखंड में इस नीति के लागू होने के बाद निवेश बढ़ रहा है। आयुष सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के वैश्विक प्लेटफार्म से आयुष नीति का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
पहली बार पहुंचे 10 हजार से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल
12 से 15 दिसंबर तक चले विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में 600 तकनीकी सत्र हुए। इसमें 250 से अधिक एक्सपो स्टाल लगाए गए थे। आयोजन समिति के अनुसार, इसमें 10,321 प्रतिनिधि पहुंचे हैं। यह पहली बार हुआ है कि आयुर्वेद कांग्रेस में 10 हजार से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इससे पूर्व गोवा में हुए इसी कार्यक्रम में 5,102 प्रतिनिधि पहुंचे थे। चार दिन के कार्यक्रम डेढ़ लाख लोगों ने शिरकत की है। इसके अलावा पहली बार एनआईसीएसएम के सहयोग से पहली बार 451 प्रैक्टिशनर इस आयुर्वेद सम्मेलन में पहुंचे। इस विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में 172 तकनीकी सत्र हुए और 54 देशों से 352 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए। एक्सपो में 220 कंपनियां पहुंची हैं। यहां पर चार हजार लोगों ने आयुष क्लीनिक में जांच कराई। पहली बार राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ ने देश के बाहर यूरोप आयुर्वेद अकादमी एसोसिएशन को मान्यता दी है। इससे वे आयुर्वेद में प्रैक्टिस कर सकेंगे। सम्मेलन में धामी सरकार की पहली आयुष नीति की काफी सराहना हुई है।