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    Home»उत्तराखंड 360»Economic Survey Report : पहाड़ों पर स्टार्टअप के लिए सुहाना नहीं है मौसम
    उत्तराखंड 360

    Economic Survey Report : पहाड़ों पर स्टार्टअप के लिए सुहाना नहीं है मौसम

    मैदानों में 85 तो पर्वतीय जिलों में महज 15 प्रतिशत स्टार्टअप हैं। बागेश्वर, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में एक भी स्टार्टअप नहीं। निवेश और वित्तीय समस्याओं के कारण पहाड़ पर शुरू कई स्टार्टअप हो गए बंद।
    teerandajBy teerandajMarch 1, 20255 Comments
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    Economic Survey Report : पयर्टकों को साल के बारहों महीने रिझाने वाले पहाड़ निवेशकों को नहीं लुभा पा रहे हैं। हालात यह है कि मैदानों में 85 तो पर्वतीय जिलों में महज 15 प्रतिशत स्टार्टअप हैं। इसमें भी गजब की बात यह है कि बागेश्वर, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में एक भी स्टार्टअप नहीं हैं। यह जानकारी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से है। अर्थ एवं संख्या विभाग की ओर से यह सर्वे कराया गया था। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी स्टार्टअप के लिए युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है। इसके परिणाम भी सामने आए हैं। लेकिन, पहाड़ों की तस्वीर खुशनुमा नहीं दिखाई दे रही है। निवेश और वित्तीय समस्याओं के कारण पहाड़ पर शुरू कई स्टार्टअप बंद हो गए हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि राज्य सरकार को अभी इस दिशा में और अधिक काम करने की आवश्यकता है। उसे अपनी नीतियों की समीक्षा करने की जरूरत है। ताकि, पहाड़ पर भी रोजगार सृजित हो सके।

    यह भी पढ़ें : खर्च करने में नहीं बल्कि कराने में माहिर हैं उत्तराखंडी

    दूसरी तस्वीर मैदानी इलाकों की है। यह निवेशकों को लुभा रहा है। सबसे अधिक 62% सक्रिय स्टार्टअप देहरादून जिले में काम कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में राज्य में पंजीकृत 152 स्टार्टअप का सर्वे में यह खुलासा हुआ कि 21 स्टार्टअप सहयोग न मिल पाने के कारण बंद पड़े थे जबकि 30 स्टार्ट अप निष्क्रिय मिले। इनमें से 53 प्रतिशत वित्तीय समस्याओं, 23 प्रतिशत सरकार का सहयोग न मिलने, 21 प्रतिशत निवेशकों की कमी और अनुपयुक्त क्षेत्र में काम करने से बंद हो गए। इनमें से क्रियाशील 101 स्टार्ट अप पब्लिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों, साझेदारी फर्म, सीमित देनदारी फर्म व अन्य रूप में संचालित हैं। 40 फीसदी स्टार्टअप में एक लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक पूंजी निवेश हुआ। विनिर्माण पर आधारित स्टार्टअप की संख्या अधिक है।

    76 प्रतिशत स्टार्टअप पुरुषों के
    कुल संचालित 101 स्टार्टअप में पुरुषों का दबदबा है। 76 प्रतिशत स्टार्ट के संस्थापक पुरुष है, जबकि 24 प्रतिशत के महिला। 30 वर्ष से कम आयु के संस्थापकों में 27 प्रतिशत पुरुष व सात प्रतिशत महिलाएं, जबकि सर्वाधिक 14 प्रतिशत महिलाएं 30 से 45 आयु वर्ग की संस्थापक हैं। इसी आयु वर्ग 36 प्रतिशत पुरुष संस्थापक मिले।

    आधे से कम स्टार्टअप ही कर रहे कमाई
    यह भी एक चौंकाने वाली जानकारी है, कुल सक्रिय स्टार्टअप में से 45 फीसदी राजस्व कमाने की स्थिति में हैं। वे स्थानीय युवाओं को योग्यता के अनुसार रोजगार देकर राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। 18 फीसदी स्टार्टअप नए बाजार की तलाश में हैं। 23 प्रतिशत अपने उत्पाद के लिए अनुमोदन की प्रक्रिया में हैं जबकि 11 प्रतिशत विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए कांसेप्ट स्तर पर काम कर रहे हैं। इनमें 32 प्रतिशत बाजार में विद्यामान उत्पाद का नया संस्करण तैयार कर रहे हैं। 40 प्रतिशत कोडिव महामारी की कठिनाइयों का सामना करने बाद अभिनव उत्पादों पर भी कार्य कर रहे हैं।

    सबसे अधिक स्टार्टअप कृषि और विनिर्माण पर आधारित
    सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में सबसे अधिक 14-14 प्रतिशत कृषि व विनिर्माण से जुड़े हैं। 11 प्रतिशत आईटी परामर्श व समाधान से, आठ-आठ प्रतिशत शिक्षा व टूरिज्म से, सात प्रतिशत खाद्य से छह प्रतिशत स्वास्थ्य व जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं। इनके अलावा उद्यम एवं सामाजिक उद्यम, परिवहन व रसद, दो-दो प्रतिशत मीडिया और मनोरंजन, वित्तीय सेवाएं, ऊर्जा व नवीनीकरण ऊर्जा से जुड़े हैं।

    नीतियां व्यावहारिक बनें, कॉर्पस फंड की व्यवस्था हो
    सर्वे में स्टार्टअप स्वामियों, साझेदारों और संचालकों ने नीति को और अधिक व्यावहारिक बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप इको सिस्टम को बढ़ाने पर बल दिया और नए विचारों को बाजार और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग के तहत एक कॉपर्स फंड बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इन्क्यूबेशन सेंटर व स्टार्टअप स्वामियों के मध्य परस्पर समन्वय को मजबूत करने के लिए औद्योगिक इकाइयों के साथ  समय-समय पर औद्योगिक मीट कराने पर जोर दिया।

    Economic Survey Report आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बजट
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