Heavy Rain In Uttarakhand : इस मानसून में दूसरी बार भारी बारिश व कई जगह बादल फटने से उत्तराखंड के चमोली व टिहरी में तबाही मच गई है। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार देर रात करीब दो बजे दो जगहों पर बादल फट गए। इससे कई घरों में पानी भरने के साथ ही थराली में 200 वर्ष पुराना शिव मंदिर व देवाल में पुल बह गया। समाचार लिखे जाने तक कोई जनहानि की खबर सामने नहीं आई थी।
चमोली जिले के थराली और पगनो में तबाही मची है। थराली में बारिश आफत बनकर बरसी। यहां प्राणमति नदी उफान पर आ गई। जिससे पिंडर नदी में संगम के पीछे झील बनने लगी। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सभी घर खाली करा दिए। इस दौरान नदी किनारे के करीब 25 से अधिक घरों में दो मंजिल तक पानी घुस गया। करीब आधे घंटे बाद पिंडर नदी भी उफान पर आ गई। इससे थराली का पौराणिक शिव मंदिर भी बह गया। बताया जाता है कि यह मंदिर 200 साल पुराना था। इसके साथ ही बेतालेश्वर मंदिर ओर सरस्वती शिशु मंदिर में पानी ओर मलबा घुस गया।
टिहरी में भारी बारिश का कहर
भारी बारिश से टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के गेन्वाली गांव में भूस्खलन से स्कूल भवन को नुकसान पहुंचा ह। ग्रामीणों के मुताबिक, मलबा आने से गांव के 3-4 घरों को नुकसान पहुंचा है। जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन में पेड़, मलबा, पत्थर घुसने से काफी नुकसान हुआ है।
#WATCH | Rudraprayag, Uttarakhand: At 1:20 am, 4 people were trapped in the debris near Khat Gadera near Phanta helipad. As soon as the information was received, the rescue team was sent to the spot for relief and rescue work. The evacuation is underway: Rudraprayag Disaster… pic.twitter.com/l8tN5iOVl4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 23, 2024
फाटा हैलीपैड के पास मलबे में दबने से चार मज़दूरों की मौत
बृहस्पतिवार देर रात भारी बारिश के कारण केदारनाथ के पास फाटा हेलीपैड के नज़दीक खाट गदेरे में मलबे में दबने से चार मज़दूरों की मौत हो गई। चारों नेपाल के नागरिक थे। जिला आपदा प्रबंधन की ओर से बताया गया कि बृहस्पतिवार देर रात करीब डेढ़ बजे भारी बारिश से फाटा हेलीपैड के समीप खाट गदेरे के पास चार लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली थी। आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने पर टीम ने पाया कि भारी बारिश के कारण वहां जेसीबी का पहुंच पाना संभव नहीं है इसके बाद एसडीआरएफ के जवानों ने खुदाई करके रेस्क्यू शुरू किया और चारों शवों को मलबे से बाहर निकाला।
गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही
देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। सुबह से अलकनंदा नदी के जलस्तर में पांच मीटर की बढ़ोतरी हुई है। देवप्रयाग स्थित श्राद्ध भवन, फुलाड़ी घाट और नमामि गंगे के द्वारा बनाया गया टोडेश्वर घाट नदी में डूब गए हैं। श्रीनगर में भी अलकनंदा का जल स्तर चेतावनी स्तर से ऊपर है। यहां भी घाट डूब चुके हैं।