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    Home»उत्तराखंड 360»उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा Solar Energy Projects
    उत्तराखंड 360

    उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा Solar Energy Projects

    पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर उत्साह है। यूपीसीएल ने शासन से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट मांगा है। जानकार कहते हैं-अगर लोगों को उत्साह बना रहा तो जल्द ही अपना राज्य ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
    teerandajBy teerandajAugust 8, 2024Updated:August 10, 2024No Comments
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    Solar Energy Projects
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    केंद्र सरकार द्वारा देश भर में शुरू की गई सूर्य घर योजना के बाद उत्तराखंड में लोग सोलर एनर्जी को लेकर जागरूक हुए हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार की योजना के तहत Solar Energy Projects लगाने के मामले में पहाड़ी जिले अव्वल हैं। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा सौर प्रोजेक्ट लग रहे हैं। खास बात यह है कि उत्तरकाशी में तो यूपीसीएल की ग्रिड फुल हो गई है। यानी, उपभोक्ता जो बिजली पैदा कर रहे हैं अब वह यूपीसीएल लेने की स्थिति में नहीं है। इसलिए निगम ने राज्य सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट की मांग की है।

    एशिया के सबसे ऊंचे पेड़ की समाधि

    सरकार की ओर से जारी नई सौर ऊर्जा के तहत 200 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं। पर्वतीय जिलों में उत्तराखंड सरकार 50 फीसदी की सब्सिडी दे रही है। महिला के नाम से प्रोजेक्ट होने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकते हैं।

    योजना के पात्र व्यक्ति अपनी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। इस योजना के मुताबिक, राज्य के स्थानी निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन की अनिवार्यता रखी गई है।

    प्रति किलोवाट 50 हजार आता है खर्च
    इस योजना के प्रति आकर्षण की बड़ी वजह है कि प्रति किलोवाट का खर्च करीब 50 हजार रुपये है। अगर कोई 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाता है तो उसे सलाना 76000 यूनिट बिजली मिलती है। 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होती है। योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा। जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा। पहाड़ी राज्यों के लोगों ने इस योजना को हाथों हाथ लिया। योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि उत्तरकाशी में तो अब नए प्रोजेक्ट की गुंजाइश ही नहीं बची। मतलब, बिजली विभाग अब अतिरिक्त बिजली नहीं ले सकता। उसे इसके लिए अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना होगा। इसलिए निगम ने राज्य सरकार से बजट की मांग की है।

    Solar Energy Projects

    टिहरी व अल्मोड़ा में भी काफी उत्साह नजर आ रहा है। मीडिया से बातचीत में यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य का कहना है कि पर्वतीय जिलों में भारी उत्साह के बीच अब हमें इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। लिहाजा, शासन को पत्र भेजकर इसके लिए बजट की मांग की गई है।

    फायदे का सौदा
    अगर कोई व्यक्ति 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाता है तो कुल खर्च 25 लाख होगा। इससे सालाना 76 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। कुल 17 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। एमएसएमई योजना के तहत 7 लाख 50 हजार की सब्सिडी मिलेगी। बिजली को वर्तमान दर 4.49 रुपये प्रति यूनिट से बेचने पर सालाना 3 लाख 41 हजार 240 की कमाई होगी। सालाना 35 हजार का खर्च रखरखाव पर होगा। माहवार किस्त 9,557 रुपये और कमाई 15,963 रुपये होगी। लोन खत्म होने के बाद माहवार कमाई 25,520 रुपये हो जाएगी। जानकार बताते हैं कि अगर लोगों में सौर ऊर्जा के प्रति यही उत्साह बना रहा तो आने वाले समय में राज्य ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। यह एक अच्छा संकेत है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह लोगों का उत्साह बनाए रखे।

    Solar Energy Projects Uttarakhand News
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