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    Home»दुनिया भर की»आई लव मोहम्मद…प्यार के ये बोल नफरत में कैसे बदले!
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    आई लव मोहम्मद…प्यार के ये बोल नफरत में कैसे बदले!

    उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ आई लव मोहम्मद का विवाद पूरे देश में फैल गया। यूपी और उत्तराखंड में तो प्रदर्शन हिंसक हो गए। नवरात्र के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन आपसी सौहार्द के लिए चिंताजनक है। सियासी दलों के नेता अपनी रोटियां सेंकने में लग गए हैं। आखिर यह विवाद कहां तक जाएगा? यूपी और उत्तराखंड चुनाव में डेढ़ साल से भी कम वक्त बचा है। कुछ लोग इससे भी जोड़कर देख रहे हैं। पेश है एक रिपोर्ट...
    teerandajBy teerandajOctober 2, 2025Updated:October 3, 2025No Comments
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    उत्तर प्रदेश के कानपुर में चार सितंबर को बारावफात (ईद-ए-मिलाद-उन-नबी) का जुलूस निकल रहा था। जुलूस में कुछ पोस्टर लहरा रहे थे। जिसमें लिखा था-आई लव मोहम्मद। कुछ संगठनों ने इसका विरोध किया। कहाकि यह नई परंपरा शुरू की जा रही है। पुलिस एक्शन में आई और आयोजकों से कहा कि सरकारी नियमों के मुताबिक, धार्मिक जुलूस में किसी भी तरह से नए रीति-रिवाज को शामिल नहीं किया जा सकता। इसके बाद हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने एक दूसरे पर पोस्टर फाड़ने के आरोप लगाए। यही से आई लव मोहम्मद पोस्टर का विवाद शुरू हो गया। सियासी दलों के नेताओं की बयानबाजी इस आग में घी डालने का काम किया। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में आई लव मोहम्मद के जुलूस निकाले जाने लगे। बरेली में तो हालात तनावपूर्ण हो गए। कई जगह यह जुलूस हिंसक प्रदर्शन में बदल गए। देवभूमि उत्तराखंड भी यह विवाद पहुंच गया। कानपुर से शुरू हुआ विवाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंच गया। यहां भी नफरती बहस होने लगी। प्रदर्शन में हिंसा के वीडियो तेजी से वायरल होने लगे।

    सवाल यह उठता है कि आई लव मोहम्मद जैसे प्यारे वाक्य को लेकर हंगामा क्यों बरपा है? प्यार का इजहार करना कोई गुनाह नहीं है। लेकिन, जब इस बहाने अराजकता फैलाने की कोशिश की जाए तो उसकी मजम्मत करनी चाहिए। जैसे कि भाजपा नेता कह रहे हैं कि आखिर हिंदू धर्म के बड़े त्योहार के बीच इस तरह तनाव क्यों फैलाया जा रहा है, वह भी गलत नहीं है। दूसरी ओर, बिहार चुनाव सिर पर है। यूपी और उत्तराखंड का चुनाव डेढ़ साल के भीतर होने हैं। लोग इस प्रकरण को उससे भी जोड़कर देख रहे हैं।

    उत्तराखंड में हिंसक प्रदर्शन
    उधमसिंह नगर में काशीपुर के मोहल्ला अल्लीखां में 21 सितंबर की रात बिना अनुमति आई लव मोहम्मद जुलूस निकाल रहे नाबालिगों व युवाओं को रोकने पहुंची पुलिस के साथ मारपीट और पथराव किया गया। युवाओं और किशोरों ने पुलिस के वाहन में तोड़फोड़ की। कई थानों की फोर्स ने पहुंचकर हालात को काबू में किया। बवाल के बाद पुलिस ने तीन नामजद समेत 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर 10 को हिरासत में ले लिया। इसके अलावा मोहल्ले में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया गया। बिल न देने वालों के कनेक्शन काटने के साथ ऊर्जा निगम ने स्मार्ट मीटर भी लगाने शुरू कर दिए। एसएसपी, एसपी, एडीएम, एसडीएम ने पुलिस फोर्स के साथ क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया।

    आई लव मोहम्मद विवाद से देहरादून भी झुलस गया। आई लव मोहम्मद पोस्ट पर टिप्पणी के बाद रातभर हंगामा हुआ। मुस्लिम संगठन के लोगों ने रात के वक्त थाने का घेराव करके जमकर बवाल काटा। माहौल तनावपूर्ण होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। आरोपी को गिरफ्तार कर चौकी में बैठाया था, जिसके बाद लोग भड़क गए। सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र की बाजार चौकी के बाहर सैकड़ों लोग जुट गए। देखते ही देखते भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी और सड़क जाम करने का प्रयास किया। पुलिस की समझाइश बेअसर रही तो उपद्रव बढ़ा और माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया और इलाके में कॉबिंग शुरू कर दी। वहीं, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने और आपत्तिजनक कमेंट करने के संबंध में कोतवाली पटेल नगर पुलिस की तरफ से खुद ही मुकदमा दर्ज कराया गया।

    बरेली में क्या हुआ?
    इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 19 सितंबर को एलान किया कि वो 26 सिंतबर को इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। ये प्रदर्शन आई लव मोहम्मद के समर्थन में होना था। उनके आह्वान पर जुटी भीड़ मौलाना के नदारद रहने से अराजक हो गई। बवालियों ने खलील स्कूल तिराहे के पास दुकानों व वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की। नावल्टी चौराहा पर पुलिस टीम पर पथराव और श्यामगंज में फायरिंग की। डीआईजी अजय कुमार साहनी के मुताबिक, इसमें 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। लाठीचार्ज भी किया। साथ ही मौलाना तौकीर रजा को नजरबंद कर लिया गया।
    अराजकता फैलाने वालों को चंड-मुंड की तरह रौंदा जाएगा : सीएम योगी

    काम कर गई यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की रणनीति।

    हिंसा के यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि उपद्रवी दोबारा गलती करने के बारे में सोच भी न सकें। सीएम ने कानपुर नगर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली में आपत्तिजनक जुलूस और भड़काऊ नारेबाजी की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए तत्काल एफआईआर कराने और उपद्रवियों की संपत्तियों की जांच के आदेश दिए। योगी ने यूपी के श्रावस्ती में कहा कि आई लव मोहम्मद की आड़ में अराजकता करने वालों को ‘चंड-मुंड’ की तरह रौंदने का काम होगा। उन्होंने कहा, कुछ लोग हैं, जिन्हें शांति व कल्याण अच्छा नहीं लगता। जब भी कोई हिंदू पर्व-त्यौहार आता है, उन्हें गर्मी चढ़ने लगती है। उसे शांत करने के लिए हमें डेंटिंग-पेंटिंग का सहारा लेना पड़ता है। योगी ने कहा, जैसे मां भगवती चंड-मुंड को रौंदने का काम करती हैं, वैसे ही समाज के लिए संकट पैदा करने वालों पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो कई पीढ़ियों के लिए नजीर बन जाएगी। उन्होंने कहा, सनातन सभी का सम्मान करता है, मगर मूल्यों की अवहेलना करने वालों के लिए स्पष्ट संदेश है-न छूटोगे और न छूट पाओगे। तीसरी बार बलरामपुर में इस हिंसा पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, कुछ लोग भारत में रहते हुए ‘गजवा-ए-हिंद’ का नारा लगाकर दंगा कराने का काम करते हैं। ऐसे लोगों को नर्क में भेजने का काम सरकार करेगी। दंगाइयों को जहन्नुम का टिकट दिया जाएगा। गजवा-ए-हिंद की कल्पना पर नरक का टिकट मिलेगा। भारत में उन महान आत्माओं के आदर्श चलेंगे, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया।

    क्या होता है गजवा-ए-हिंद
    गजवा-ए-हिंद पुराना शब्द है। इसमें ‘गजवा’ का मतलब उस जंग से था, जो इस्लाम के विस्तार के लिए लड़ी जाती थी। यानी, गजवा-ए-हिंद के मायने ऐसी जंग से हैं जिसके जरिए भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को इस्लाम में शामिल किया जा सके। जानकार बताते हैं कि जब इस्लाम को भारत वर्ष में विस्तार देने की कोशिश हुई थी, तब इस शब्द का इस्तेमाल हुआ था।

    दंगाई मानसिकता के जरिये प्रेम प्रदर्शित नहीं कर सकते : सीएम धामी


    देहरादून में फेसबुक पोस्ट को लेकर हुए बवाल के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि प्रेम आपका निजी विषय है। जिससे भी आप प्रेम करते हैं, उसका आचरण आपके व्यवहार में दिखना चाहिए। आप अराजकता और दंगाई मानसिकता के जरिए अपना प्रेम प्रदर्शित नहीं कर सकते। आई लव मोहम्मद पोस्टर के साथ विवाद भड़काने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सीएम धामी ने कहा कि हिंदू त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच अशांति उपद्रव पैदा करने की सोची समझी साजिश रची जा रही है। इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि उत्तराखंड की पहचान का जिक्र करते हुए कहा कि यहां देवों का वास है। किसी को भी अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अक्सर हिंदू त्योहारों के समय जानबूझकर अशांति फैलाने की कोशिश की जाती है। धामी ने चेतावनी दी कि प्रदेश को अशांत करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि उन्हें सबक मिल सके। सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की धार्मिक कट्टरता और अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कोई इस प्रकार की गतिविधि में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

     

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