Kedarnath Cloudburst : बुधवार रात केदारनाथ में दो जगहों पर बादल फटने के बाद हुई तबाही जानलेवा हो गई। बचाव अभियान के तीसरे दिन बाद यानी शुक्रवार को लिनचोली में मलबे दबे दो शव बरामद हुए हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार नै रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के हवाले से बताया कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई और उनकी गुमशुदगी भी दर्ज नहीं है।
प्रातः काल शासकीय आवास में वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से आपदा प्रभावित क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी प्राप्त ली।
हमारी सरकार SDRF, NDRF सहित अन्य बचाव दलों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्परता… pic.twitter.com/jYcj7UlkaL
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 3, 2024
वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने थारू कैंप के पास बड़े पत्थरो में दबे शव को निकला। जिसके पास से दो मोबाइल व अन्य सामग्री प्राप्त हुई है। शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारपुर के रूप में हुई है। शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली के सुपुर्द किया गया। अब आपदा से जान गंवाने वालों की संख्या 17 तक पहुंच चुकी है।
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केदारनाथ में अभी 700 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। 150 लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। हालांकि केदारनाथ में संचार सेवा ठप होने से मोबाइल सेवा बंद पड़ी है, वहीं बड़ी संख्या में यात्री जंगलों के रास्ते चौमासी पहुंच रहे हैं, इस रास्ते में भी मोबाइल सेवा नहीं है। बचाव दल का कहना है कि शनिवार को रेस्क्यू अभियान पूरा हो जाएगा।

बतादें कि केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना ने एमआई-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर को लगाया है। केदारघाटी में फंसे 7000 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। शनिवार सुबह से ही रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। बुधवार रात बादल फटने के बाद आई आपदा के खौफनाक मंजर को देखकर लोग दहशत में हैं।