मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) का बुलडोजर अवैध निर्माणों पर जमकर गरज रहा है। MDDA के आंकड़ों पर गौर करें तो अगस्त माह से अब तक 150 बीघे से अधिक अवैध प्लॉटिंग और मानक के विपरीत बन रहीं कई बहुमंजिला इमारतें सील की गई हैं। MDDA की ताबड़तोड़ कार्रवाई से भू-माफिया सकते में है।
इन स्थानों पर की गई कार्रवाई …
एमडीडीए के मुताबिक, डोईवाला के झाबरावाला में 18 बीघे, रानीपोखरी के डांडी गांव में 10 से 12 बीघे, भानियावाला के बक्सारवाला में 25 बीघे और देहरादून के हरिद्वार रोड (साईं मंदिर के निकट) में 40 बीघे अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त किया गया। इसके अतिरिक्त शीशमबाड़ा क्षेत्र में 10 बीघे और रूपनगर बद्रीपुर में 5 बीघे अवैध प्लॉटिंग को भी गिराया गया। माजरी ग्रांट, हरिद्वार रोड, नेहरू कॉलोनी, सहस्त्रधारा रोड और शिमला बाईपास हिंदूवाला क्षेत्र में कई अवैध निर्माणों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। सबसे बड़ी कार्रवाई ऋषिकेश में देखने को मिली, जहां निर्मल बाग, वीरभद्र रोड, गली नंबर 10–11, कोयल ग्रांट और प्राधिकरण क्षेत्र के अन्य हिस्सों में एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों को सील किया गया।
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कोई नहीं बचेगा
ताबड़तोड़ कार्रवाई के संबंध में MDDA उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा स्पष्ट है। प्रदेश में अवैध प्लॉटिंग और नियम विरुद्ध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे। यह कार्रवाई इसी नीति का हिस्सा है। उन्होंने दोहराया कि आज की कार्रवाई आखिरी कदम नहीं है, बल्कि यह सिलसिला आगे भी लगातार जारी रहेगा। प्राधिकरण हर उस जगह पहुंचेगा जहां मानकों के विरुद्ध ढांचा खड़ा किया गया है।
भू माफिया के झांसे में न आएं
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह भू-माफिया के झांसे में न आएं। किसी भी प्लॉट या निर्माण की वैधता की पुष्टि प्राधिकरण से अवश्य करें। बिना एमडीडीए से अनुमति के प्लॉटिंग या निर्माण भविष्य में न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि कानूनी संकट भी खड़ा कर सकते हैं।
कठोर कदम समय की मांग
एमडीडीए उपाध्यक्ष का कहना है कि कठोर कदम समय की मांग है। अगर हमें उत्तराखंड को खूबसूरत बनाए रखना है तो कड़े फैसले लेने ही होंगे। अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण और भूगोल को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि प्रदेश की पहचान और भविष्य के लिए भी खतरा हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री धामी ने साफ निर्देश दिए हैं कि कानून तोड़ने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।