वसंत पंचमी पर उत्तराखंड के 12 अफसरों ने महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में जाना। उत्तराखंड से कुल 18 अफसरों को आना है। इसमें आईपीएस के साथ ही एडिशनल एसपी और डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। दो महिला अधिकारी भी इस टीम में शामिल हैं। ये अफसर यहां पर रहकर जानेंगे कि इतनी बड़ी भीड़ को कैसे मैनेज किया जाए। अन्य व्यवस्था के बारे में भी सीखेंगे। इन्हे महाकुंभ मे जिम्मेदारी भी दी जा रही है। ताकि महाकुंभ की व्यवस्थाओं को बारीकी से समझा जा सके और इसी आधार पर भविष्य में प्लानिंग भी की जा सके।
बतादें कि 2027 में हरिद्वार में अद्धकुंभ है। इसी के तहत यह तैयारी की जा रही है। हालांकि, प्रयागराज महाकुंभ में उत्तराखंड की एसडीआरएफ और अग्निशमन टीमें पहले ही अपना योगदान दे रही हैं। एसडीआरएफ की एक कंपनी में 90 पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। उत्तराखंड की फायर सर्विस से 15 फायर चालक और पुलिस दूरसंचार से 60 पुलिस कर्मियों की दक्ष टीम को भी महाकुंभ पहले ही भेजा जा चुका है।
कुछ दिन पहले ही इस बाबत उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने निर्देश जारी थे। दरअसल 18 अधिकारियों द्वारा प्रयागराज महाकुंभ में अध्ययन को लेकर यह कार्रवाई डीजीएसपी/आईजीएसपी कॉन्फ्रेंस 2024 के अनुपालन के रूप में की जा रही है। जिसके तहत महाकुंभ 2025 में पुलिस व्यवस्थाओं का प्रभावी प्रबंधन उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी भी देख सकेंगे। उत्तराखंड पुलिस के 18 अधिकारी तीन चरणों में प्रयागराज भेजे जाएंगे, जिसमें उनके द्वारा भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था और यातायात प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन किया जाएगा। इस दौरान पुलिस महानिदेशालय के स्तर पर प्रयागराज जाने वाली पुलिस अधिकारियों की टीम को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।

जिसमें महाकुंभ का लेआउट प्लान, सेक्टर थानों का चिह्निकरण, मेलाधिकारी और पुलिस अधिकारी में समन्वय इसके अलावा स्नान मार्गों का अध्ययन करना शामिल है। इसके अलावा यातायात प्रबंधन में अखाड़े के लिए निर्धारित मार्ग, पार्किंग व्यवस्था जैसी बातों का अध्ययन करना, स्नान घाटों की व्यवस्था ड्यूटी चार्ट के अलावा जल पुलिस माउंटेड पुलिस संबंधी कार्यों की जानकारी पर अध्ययन करने का काम शामिल है। इसके अतिरिक्त रेलवे पुलिस थाना और चौकियों का भी यह टीम अध्ययन करेगी।