शनिवार को पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर जमकर हमला बोला। हमला इतना जोरदार कि सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि जिस उद्देश्य से उत्तराखंड का गठन किया गया वह पूरा नहीं हुआ। उन्होंने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद भी भ्रष्टाचार का ट्रक उसी रफ्तार से चल रहा है, बस फर्क इतना है कि अब ड्राइवर और यात्री दोनों यहीं के हैं। तंज कसते हुए कहा कि जब उत्तराखंड यूपी का हिस्सा था, तब अफसर ट्रक भरकर ले जाते थे। अब तो ट्रक भरने वाले भी यहीं के हैं और काजू-बादाम-किशमिश खाने वाले भी यहीं के लोग हैं। शनिवार को दिनभर उनकी टिप्पणी सियासी गलियारों में गूंजती रहीं।
तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि जब लोग कोड़ा-झंगोरा खाकर राज्य बनाने की बात करते थे, तब का जज्बा कहां गया? आज कोई उस पर बात तक नहीं करता। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस सपने के लिए राज्य का गठन हुआ, वह उत्तराखंड आज तक नहीं बन पाया। पूर्व सीएम ने अधिकारियों की दोहरी भूमिका पर भी निशाना साधा कि जैसे नेता अच्छे-बुरे होते हैं, वैसे ही अधिकारी भी दो तरह के हैं, कुछ ईमानदार हैं, कुछ भ्रष्ट।
किसके लिए उत्तराखंड बनाया था? भ्रष्टाचार पर खूब फायर हो गए @TIRATHSRAWAT क्या हो रहा है अचानक? #आह_उत्तराखंड pic.twitter.com/g40550Ay5N
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) August 23, 2025
उन्होंने व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार पर योजनाबद्ध काम करने की सलाह दी और कहा कि नेताओं, अधिकारियों, कलाकारों और समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना होगा। रावत ने चेतावनी दी कि अगर ईमानदारी और जनसेवा का भाव नहीं आया, तो आंदोलनकारियों की कुर्बानियां व्यर्थ हो जाएंगी। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सपने को साकार करने के लिए ईमानदारी जरूरी है। भ्रष्टाचार का ट्रक रुकना चाहिए, वरना जनता का भला नहीं होगा। पूर्व सीएम के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। रावत की टिप्पणियां राज्य सरकार और नौकरशाही के कामकाज पर सवाल उठाती हैं, जो आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बन सकती हैं। उत्तराखंड के विकास और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों पर उनकी बातें जनता के बीच गूंज रही हैं, जो राज्य की राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकती हैं।
तीरथ सिंह रावत के भांजे ने दी आत्महत्या की धमकी
उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के भांजे विक्रम सिंह राणा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद सियासी गलियारों में भी चर्चा जोरों पर हैं। वीडियो में उन्होंने 18 करोड़ की धोखाधड़ी का जिक्र करते हुए आत्महत्या की धमकी तक दे डाली है। उन्होंने देहरादून पुलिस पर लापरवाही और पक्षपात के आरोप लगाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के भांजे विक्रम सिंह राणा ने 18 करोड़ की ठगी के मामले में आत्महत्या की धमकी दी। वीडियो वायरल।
ये क्या हो रहा है उत्तराखंड में। #saveuttarakhand pic.twitter.com/a6rh3fipeM— Arjun Rawat (@teerandajarjun) August 23, 2025
क्या आरोप लगाए हैं…
विक्रम सिंह राणा ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2024 में उन्होंने देहरादून पुलिस को लिखित शिकायत की थी। उनका आरोप है कि 18 करोड़ रुपये एक कंपनी की जमीन खरीदने के लिए दिए थे। खाते से पैसे दिए थे। कुछ जमीन उनके नाम की गई। लेकिन, पूरा सौदा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कुछ नाम भी वीडियो में लिए हैं। उनका आरोप है कि कप्तान को आरोपियों के नाम भी बता दिए थे। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है। वह आत्महत्या कर लेंगे।