Uttarakhand : शासन की ओर से दिए जा रहे निर्देशों के बावजूद सरकारी बैंक कर्ज देने के मामले में कंजूसी बरत रहे हैं। जबकि, शासन ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि सरकार योजनाओं के तहत लोगों को कर्ज दिया जाए। कर्ज देने में निजी बैंक सरकारी बैंकों से आगे निकल गए हैं। नतीजा यह है कि कई जिलों में राष्ट्रीयकृत बैंकों का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशो) प्राइवेट बैंक से काफी पीछे है। यह खुलासा मंगलवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में हुआ है। बताया जा रहा है कि सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने सीडी रेशो कम होने पर असंतोष जाहिर किया और इसमें सुधार लाने के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजना बनाने और इसकी गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए।
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राज्य सचिवालय में हुई बैठक में उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और स्वरोजगारपरक गतिविधियों को ऋण देना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें। उन्होंने कहा कि इन दोनों सेक्टर में ऋण वितरण की दर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन निजी क्षेत्र के बैंकों के मुकाबले बहुत ही असंतोषजनक है। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक सेक्टर के बैंकों का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आजीविका को समृद्ध करने के लिए अधिक से अधिक ऋण देने का है। उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों से बेहत्तर समन्वय स्थापित कर लाभार्थियों को चिह्नित करें और उन्हें लाभ देने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें।
- बैंकों का ऋण अनुपात
- 53.26 फीसदी था जुलाई से सितंबर का समग्र ऋण जमा अनुपात
- 54 फीसदी रहा पिछली तिमाही में ऋण जमा अनुपात
- 84.57 प्रतिशत रहा निजी क्षेत्र के बैंकों का सीडी रेशो
- 42.33 से आगे नहीं बढ़ सका सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सीडी रेशो