दुनिया में हम उत्तराखंडियों की पहचान है- अच्छे होंगे, सच्चे होंगे, ईमानदार होंगे, काम के होंगे और कमिटमेंट के भी पक्के होंगे। हमारी दुनिया भर में साफ-सुथरी छवि है। यह छवि मेहनत से बनाई गई है। यह बातें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में कहीं। सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि हमारे प्रवासी भाई-बहनों ने अपनी मेहनत से दुनिया में खूब नाम कमाया है। इज्जत कमाई है। आप लोगों ने उत्तराखंड का नाम भी बढ़ाने का काम किया है।
सीएम ने कहा, आप सबका अनुभव सिर्फ सरकार के लिए ही नहीं बल्कि हर उत्तराखंडी के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी। यह सम्मेलन विकसित-आत्मनिर्भर उत्तराखंड की यात्रा में मददगार साबित होगी। जब मैं देश-विदेश के कई हिस्सों में गया तो प्रवासी सम्मेलन का विचार मेरे मन में आया। इसी के तहत नवंबर में एक सम्मेलन का आयोजन किया था। अब यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है। उन्होंने प्रवासियों से कहा कि आप सब दुनिया भर में फैले प्रवासियों के प्रतिनिधि हो।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहले आप परीक्षाओं में नकल, पर्चा लीक के बारे में खूब सुनते रहे होंगे। यहां अब परीक्षा में नकल नहीं होती। देश का सबसे सख्त नकल कानून हम लेकर आए। 100 से ज्यादा नकल माफिया को जेल में डाला। साथ ही देवभूमि का स्वरूप बचाए रखने के लिए भी हम संवेदनशील हैं। इसलिए हम कड़े कानून लेकर आए हैं। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के बारे में भी बात की। कहा-पहले छह महीने होटल-दुकानें बंद रहती थीं। अब शीतकालीन यात्रा से हमेशा तीर्थयात्री आएंगे और सभी को साल भर काम मिलेगा।
विदेशों में रोजगार अवसरों का लाभ उठाएं उत्तराखंड के युवा
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के तीसरे सत्र में कौशल विकास और विदेश में रोजगार की संभावना पर विचार विमर्श किया गया। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सत्र की विषय वस्तु रखते हुए बताया कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगार परख कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम, में हेड एकेडमिक क्वालिटी प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना घिल्डियाल बिजल्वाण ने कहा कि हमारे युवा आज भी उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं, यह एक तरह से प्रतिभा पलायन है।
उन्होंने कहा कि प्रतिभा में आगे होने के बावजूद, हमारे युवा भाषा के स्तर पर पिछड़ रहे हैं, साथ ही हमारे शिक्षण संस्थान अब भी ग्लोबल स्टैंडर्ड से पीछे हैं। इसे ठीक किया जाना होगा। आईआईटी दिल्ली के प्रो एसके साहा ने कहा कि तकनीकी का प्रयोग, गांवों के विकास में किया जाना चाहिए। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में एआई के प्रोफेसर अंचित बिजल्वाण ने कहा कि ज्यादातर विदेशी शिक्षण संस्थान प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण करवा रहे हैं, भारत में भी शिक्षण प्रणाली को बदलना होगा।
LIVE: देहरादून में “अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” का शुभारम्भ
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विदेश के नियम कायदें भी बताएं
यूएई से आए प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत ने कहा कि विदेश में रोजगार के लिए स्किल के साथ ही युवाओं को संबंधित देश के नियम कायदों की भी सही जानकारी देनी चाहिए। खासकर जालसाजों के जरिए, विदेश जाने की प्रवृत्ति के खतरों के प्रति हमें लोगों को उजागर करना होगा। कौशल विकास विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। इसके तहत जापान में कई युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। अब जर्मनी ओर ब्रिटेन में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के डॉ अमित दिवेदी ने कहा कि संस्थान युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए हर तरह से प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है।
स्टार्टअप में निवेश करें प्रवासी
आईआईटी रुड़की के प्रो. आजम खान ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए बहुत संभावना हैं। इसमें प्रवासी समुदाय मदद कर सकता है। खासकर स्टार्टअप के मैंटोरशिप में प्रवासी मददगार हो सकते हैं सनफौक्स टेक्नोलॉजी के सह संस्थापक रजत जैन ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए शानदार ईको सिस्टम है, युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। सत्र का संचालन दून विवि की वीसी प्रो सुरेखा डंगवाल ने किया।
LIVE: देहरादून में “अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन” के उपरांत प्रेस वार्ता
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