Uttarakhand अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ग्रेजुएट लेवल भर्ती पेपर लीक कांड में राज्य सरकार द्वार गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यूसी ध्यानी द्वारा की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है, जिससे मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे और अभ्यर्थियों तथा उनके अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।

बतादें कि आयोग ने पटवरी, लेखपाल समेत अन्य विभागों के लिए 416 पदों पर भर्ती के लिए 9 अप्रैल से आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। इसी कड़ी में 21 सितंबर को प्रदेशभर में परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा बीत जाने के बाद ही पेपर के तीन पेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। श्रीगनर गढ़वाल में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन ने दावा किया कि किसी खालिद नाम के व्यक्ति ने उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर के तीन पेजे थे। सुमन की तरफ से मामला सार्वजनिक किए जाने के बाद इस मामले को लेकर प्रदेश में घमासान मच गया। पेपर खत्म होने के बाद मिलान करने पर लीक पेज सही पाए गए। इस मामले में पुलिस ने खालिद नाम के व्यक्ति को पकड़ा। सरकार पेपर लीक में संगठित गिरोह के होने की आशंकाओं को खारिज कर रही है। तो वहीं सरकार इसे नकल जिहाद बता रही है और जांच के लिए SIT गठित कर दी। लेकिन, मामला शांत होने की बजाय बढ़ने लगा। युवाओं के अलग-अलग संगठन आंदोलन शुरू कर दिया। युवा CBI जांच की मांग कर रहे थे। आखिरकार, सीएम धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी। इसके बाद आंदोलन शांत हुआ।