प्रयागराज महाकुंभ में रात डेढ़ बजे के करीब मची भगदड़ में कुछ श्रद्धालुओं की जान चली गई। कई घायल है। हताहतों का आधिकारिक आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है। आखिर, क्या है भगदड़ की वजह? प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सारे श्रद्धालु संगम नोज पर ही स्नान करना चाह रहे थे। भीड़ का दबाव संगम नोज पर बढ़ गया। अचानक भीड़ उमड़ने और धक्का-मुक्की होने से यह स्थिति पैदा हुई। इस दौरान कई लोग गिर गए। लोगों में अफरा-तफरी मच गई। भीड़ की वजह से हादसा हुआ। एक तरफ से लोग वापस आ रहे थे, दूसरी तरफ से लोग जा रहे थे। धक्का-मुक्की हुई तो लोग गिर गए, जो गिर गया वो खड़ा नहीं हो पाया। भीड़ ऊपर से रौंदती हुई गई। हालांकि, करोड़ों की भीड़ के बावजूद घटनास्थल पर जल्द काबू पा लिया गया। घटना रात एक से दो बजे के बीच हुई।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने हादसे की जानकारी सीएम योगी से ली है। हादसे में हताहत लोगों के परिजनों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे। वह पोल नंबर 11 से 17 के बीच चल रहे थे तभी अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया। कुछ लोग संभल नहीं सके और नीचे गिर पड़े तो भीड़ उन्हें रौंदते हुए निकल गई।

महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि हमें आज 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद थी। उतने लोग आए। हमारे सभी अधिकारी और कर्मचारी कल शाम से ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात हैं। लोग यहां सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान कर रहे हैं। सुबह के समय दबाव था और भीड़ बहुत ज्यादा थी। अब जब भीड़ नियंत्रण में है। पूरे इलाके को सैनिटाइज किया गया है।
संगम नोज क्या है?
जगह के आकार के कारण संगम नोज नाम पड़ा। स्नान के लिए संगम नोज को सबसे अहम जगह माना जाता है। यहीं पर यमुना और मिथकीय नदी सरस्वती गंगा से मिलती भी है। अधितर साधु-संत यहीं पर स्नान करते हैं। श्रद्धालु भी इसी स्थान पर स्नान को सबसे अधिक महत्व देते हैं।

अब हालात नियंत्रण में
प्रयागराज में जिस जगह यह भगदड़ मची, अब वहां हालात नियंत्रण में हैं लेकिन भीड़ का दबाव बहुत बना हुआ है। संगम की ओर जाने वाला रास्ता खाली करा दिया गया है। अब भीड़ कम हो गई है। साधु-संतों के स्नान के लिए बनाए गए घाट भी खाली हो गए हैं। मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के लिए अखाड़ों और संतों के लिए पुलिस ने रास्ता साफ करने के साथ ही त्रिवेणी संगम पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है।
अखाड़ों ने शुरू किया अमृत स्नान
सुबह खबर आई थी कि हादसे के बाद अखाड़ों से अमृत स्नान रद्द कर दिया है। मगर, स्थिति नियंत्रण में होने के बाद सीएम योगी ने अखाड़ों के प्रमुखों से बात की। इसके बाद 12 बजे के बाद अखाड़ा मार्ग खाली कराया जाने लगा। दो बजे से अखाड़ों से स्नान करना शुरू कर दिया। हालांकि, स्नान सादगीपूर्ण हो रहा है। हादसे के कारण ढोल-बाजा नहीं बज रहा है।