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    Home»जरा हटके»जायका पहाड़ का … मंडुआ के बिस्कुट
    जरा हटके

    जायका पहाड़ का … मंडुआ के बिस्कुट

    teerandajBy teerandajApril 13, 2025Updated:April 13, 2025No Comments
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    जायका पहाड़ का … भारतीय खाद्य परंपरा में मंडुआ यानी रागी या फिंगर मिलेट एक प्राचीन अनाज के रूप में जाना जाता है, जिसे उत्तराखंड और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में ‘सर्दियों का राजा’ कहा जाता है। इसके आटे से तैयार बिस्कुट न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि पोषण से भरपूर और स्वास्थ्यवर्धक भी है। मंडुआ मोटे अनाज की श्रेणी में आता है। यूं तो मंडुआ ग्रामीण आंचलों में काफी जाना-पहचाना अनाज है लेकिन जब से सरकार ने साल 2023 को मिलिट वर्ष घोषित किया है तब से मंडुआ का नाम हर किसी की जुबान पर है। मंडुआ के बिस्कुट के पोषण मूल्य, पारंपरिक, आधुनिक रैसिपी, सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव और बाजार में उपलब्ध विकल्पों पर नजर डालें तो मंडुआ में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, फास्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

    एक अध्ययन के अनुसार, 100 ग्राम मंडुआ में लगभग 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन और मिथियोनिन जैसे अमीनो एसिड त्वचा की लचकता बनाए रखते हैं, जिससे झुर्रियों का जोखिम कम होता है। मंडुआ के बिस्कुट में उच्च फाइवर सामग्री पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचाव करती है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर को गर्माहट देता है और वायरल इंफेक्शन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

    मंडुआ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद घुलनशील
    फाइबर कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करके हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। कुछ कंपनियां रागी कुकीज को ‘ग्लूटेन फ्री, मैदा रहित और प्रिजर्वेटिव मुक्त के रूप में बाजार में उतार रही हैं। कुछ कंपनियां का दावा है कि वो रागी कुकीज में शुगर फ्री और लो-कार्ब का विकल्प प्रदान करते हैं, जो मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श हैं। इन उत्पादों को पारिवारिक पैक, गिफ्ट बॉक्स और बल्क पैकेजिंग में उपलब्ध कराया जाता है। ऑनलाइन प्लेटफॉम्स पर इनकी बिक्री बढ़ाने के लिए ‘हेल्दी स्नैक्स’ और ‘डायबिटिक-फ्रेंडली’ जैसे टैग्स का उपयोग किया जाता है।

    आसान सी है रेसिपी
    सबसे पहले एक बर्तन में मंडुआ का आटा लें और हल्की आंच में 5-6 मिनट के लिए भूनें। इससे आटे का कच्चापन निकल जाएगा। अब भूने हुए आटे को एक बर्तन में ठंडा करने के लिए निकाल लें। आटा ठंडा होने के बाद इसमें आधा कटोरी गेहूं का आटा मिला लें। अब इसमे इलायची, बेकिंग पाउडर, कोको पाउडर, गुड़ की खांड को मिला लें। आधुनिक रैसिपी में गुड़ के स्थान पर स्टीविया या एरिट्रिटोल जैसे प्राकृतिक मिठास देने वाले तत्वों का उपयोग भी किया जाता है। फिर इस मिश्रण में 5 चम्मच घी मिला लें और अच्छे से हाथ से गूंथकर मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण में हल्का दूध मिलाकर फिर से गूंथ लें। अब तैयार गूंथे हुए आटे से बिस्कुट के आकार की लोइयां बना लें। इसके बाद इन्हें इडली मैकर में रख दें या फिर आप माइक्रोवेव में भी विस्कुट को पका सकते हैं। ध्यान रहे कि इडली मेकर में पानी की जगह आप नमक का इस्तेमाल करें और 25-30 मिनट तक हल्की आंच में पकाएं। बस बिस्कुट तैयार हैं।

    यह भी पढ़ें :  एक मैदानी का पहाड़नामा … इन पहाड़ों की खूबसूरती संजोएंगे ना !

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