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    Home»उत्तराखंड 360»देहरादून-मसूरी रोपवे का काम जोरों पर…अगले साल से 15 मिनट में पूरा होगा डेढ़ घंटे का सफर
    उत्तराखंड 360

    देहरादून-मसूरी रोपवे का काम जोरों पर…अगले साल से 15 मिनट में पूरा होगा डेढ़ घंटे का सफर

    परियोजना पर तेजी से हो रहा काम। 26 में से 15 टावर बनकर तैयार हो गए हैं। मसूरी के गांधी चौक में अपर टर्मिनल के लिए समतलीकरण हो गया है। संपर्क सड़क भी बनकर तैयार हो गई है।
    teerandajBy teerandajFebruary 25, 2025Updated:February 25, 2025No Comments
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    देश के सबसे बड़े रोपवे का काम तेजी से हो रहा है। अगर काम की गति यही रही तो अगले साल देहरादून-मसूरी रोपवे के माध्यम से पर्यटक डेढ़ घंटे का सफर महज 15 मिनट में पूरा कर लेंगे। आमतौर पर निजी वाहन से देहरादून से मसूरी पहुंचने में करीब 1.5 घंटे का समय लगता है। जाम होने की स्थिति में यह यह सफर तीन घंटे से ज्यादा समय लेता है। देहरादून से मसूरी की सड़क दूरी 33 किमी है, जबकि रोप-वे से यह सफर सिर्फ 5.5 किमी का होगा। रोपवे में 26 टावर बनने हैं। इसमें से 15 टावर बनकर तैयार हो चुके हैं।

    मसूरी के गांधी चौक में अपर टर्मिनल के लिए समतलीकरण हो गया है और पहुंच मार्ग भी बन गया है। देहरादून शहर से 12 किमी दूर पुरकुल गांव में रोप-वे का एक छोर और दूसरा गांधी चौक मसूरी में बनाया जा रहा है। मसूरी के गांधी चौक में बनने वाले अपर टर्मिनल के लिए समतलीकरण कर दिया गया। साथ ही वहां तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण भी हो गया है। वहीं, पुरुकुल में लोअर टर्मिनल का फाउंडेशन होकर टर्मिनल कार्य और पार्किंग में चौथे मंजिल का निर्माण चल रहा है। पर्यटन विभाग का दावा है कि वर्ष 2026 तक इसे पूर्ण कर संचालन शुरू करा दिया जाएगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने वर्ष 2024 में इस परियोजना का खाका खींचा था।

    यह भी पढ़ें : पीएम मोदी को भाया नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का प्रदर्शन

    पहाड़ों की रानी कहा जाने वाला मसूरी किसे पसंद नहीं है। यहां की वादियों में छुट्टियां बिताना हर किसी का सपना होता है। माल रोड पर चहलकदमी और पहाड़ों व दून वैली का नजारा करने का किसका मन नहीं करता। लेकिन मसूरी पहुंचना आसान नहीं है। पहले तो दिल्ली से देहरादून तक का लंबा सफर ही थका देता है। हालांकि, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी सिर्फ ढाई घंटे की रह जाएगी। देहरादून से मसूरी की दूरी तो ज्यादा नहीं है, लेकिन पीक सीजन में इस छोटे से सफर में तीन घंटे तक लग जाते हैं। देहरादून से मसूरी तक सर्पीली सड़क पर ट्रैफिक जाम के कारण गाड़ियां रेंगती हुई नजर आती हैं।

    देश का सबसे लंबा रोपवे
    देहरादून और मसूरी के बीच बन रहा यह रोपवे कुल 5.5 किमी का होगा। साढ़े पांच किमी का यह रोपवे दोनों शहरों के बीच न सिर्फ दूरी को कम करेगा, बल्कि पर्यटकों को दून वैली का शानदूर व्यू भी देगा। इस रोपवे की केबल कार में सभी आधुनिक सुरक्षा उपाय होने के साथ ही इसकी बड़ी-बड़ी कांच की खड़कियां अद्भुत नजारा पेश करेंगी। इस रोपवे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि एक घंटे में 1300 यात्री एक तरफ को सफर कर सकें। यानी अगर दोनों छोर से केबल कार पूरी क्षमता के साथ चलीं तो एक घंटे में 2600 यात्री इसमें सफर कर सकते हैं।

    25 हजार से ज्यादा पर्यटक रोज पहुंचते हैं
    पर्यटन सीजन के दौरान मई से जुलाई तक रोजाना करीब 25 हजार से अधिक पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं। ऐसे में अक्सर मसूरी में क्षमता से अधिक लोग पहुंच जाते हैं और वहां जाम की समस्या हो जाती है। देहरादून-मसूरी मार्ग भी पैक हो जाता है। इसके अलावा वर्षा के दौरान भूस्खलन होने से कई बार मसूरी मार्ग बंद हो जाता है। रोपवे चालू हो जाने के बाद भूस्खलन, जैसी आपदाएं होने पर भी पर्यटक मसूरी पहुंच सकते हैं।

    गेमचेंजर प्लान
    देहरादून-मसूरी रोपवे को गेमचेंजर प्लान कहा जा रहा है। इसकी लागत 300 करोड़ है। यह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बनाया जा रहा है। इसके बन जाने से प्रदूषण में भी कमी आएगी। देहरादून और मसूरी के बीच गाड़ियों की आवाजाही कम होने से यहां पर प्रदूषण भी कम होगा और पूरे साल प्रदूषण मुक्त और ईको फ्रेंडली ट्रैफिक मोड मिलेगा। सर्दियों में बर्फबारी की वजह से सड़कें बंद हो जाती है और मानसून के मौसम में बारिश व भूस्खलन से दिक्कत होती है। लेकिन रोपवे बनने से देहरादून और मसूरी के बीच की कनेक्टिविटी बनी रहेगी।

    एक घंटे में 1300 पर्यटक करेंगे रोमांचक सफर
    दून-मसूरी रोपवे का सफर बेहद रोमांचक होगा। पहाड़ों के बीच से होते हुए पर्यटक मात्र 15 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे। रोपवे की एक बार में एक तरफ से 1300 पर्यटक को ले जाने की क्षमता होगी। जबकि

    पुरकुल सहित कई गांवों में बढ़ेगी चहल-पहल
    शहर से पुरकुल पहुंचने के लिए जोहड़ी, सालन और पुरकुल गांव को पार करना पड़ता है। रोप-वे बनने से शहर से सटे इन गांवों में चहल-पहल बढ़ेगी और यह विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा पर्यटन विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

    यह भी पढ़ें : विश्व के आधे से ज्यादा सनातनी पहुंचे महाकुंभ, 60 करोड़ पार हुए श्रद्धालु

    उत्तराखंड 360 देहरादून-मसूरी रोपवे
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